केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय उत्तराखंड के नए राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए एक हजार करोड़ की धनराशि देगा। राज्य को प्रमुख मोटर मार्गों की हालत सुधारने के लिए केंद्रीय सड़क अवस्थापना निधि से 300 करोड़ रुपये अतिरिक्त मिलेंगे। मंगलवार को शिष्टाचार भेंट के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी ने यह आश्वासन दिया। नई दिल्ली प्रवास पर गए मुख्यमंत्री ने इस आश्वासन पर गडकरी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी के मार्गदर्शन व सहयोग से पिछले चार वर्षों में उत्तराखंड में रोड कनेक्टिविटी के क्षेत्र में ऐतिहासिक काम हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों और पुलों के निर्माण में आने वाली अत्यधिक लागत को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को प्रदान की गई सहायता प्रदेश के आर्थिक विकास में मील का पत्थर सिद्ध होगी। गडकरी ने कहा कि सड़कों के लिए उत्तराखंड राज्य की प्रत्येक आवश्यकता को पूरा किया जाएगा।
रोपवे और केबिल कार के लिए भी मंत्रालय देगा सहायता
गडकरी ने कहा कि राज्य में रोपवे और केबिल कार के लिए भी सहायता दी जाएगी। उन्होंने केंद्रीय सड़क अवस्थापना निधि में 300 करोड़ अतिरिक्त देने का भी आश्वासन दिया। हाल ही में मुख्यमंत्री के अनुरोध पर मंत्रालय ने सड़कों के 42 कार्यों के लिए 615.48 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।
देहरादून से टिहरी झील तक डबल लेन टनल का प्रस्ताव दिया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री पुष्कर सिंह धामी से देहरादून से टिहीर झील तक डबल लेन टनल निर्माण का प्रस्ताव को मंजूरी देने का अनुरोध किया। प्रस्तावित टनल 35 किमी की होगी, जिस पर 8750 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है। यह डबल लेन टनल राजपुर से प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राजधानी देहरादून से विश्वस्तरीय टिहरी झील जाने के लिए मसूरी-चंबा कोटी कालोनी मोटर मार्ग से कुल 105 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। जिसमें संपूर्ण मार्ग पर्वतीय क्षेत्र में होने के कारण लगभग 3.30 घंटे का समय लगता है।
35 किमी लंबाई की होगी टनल
यह डबल लेन टनल देहरादून के राजपुर के निकट से प्रस्तावित है, जो कि टिहरी झील के निकट कोटी कालोनी में समाप्त होगी। टनल की कुल लंबाई लगभग 35 किमी आएगी। अनुमान है कि टनल निर्माण के बाद टिहरी झील तक का सफर तय करने में केवल 45 से 60 मिनट लगेंगे।