उत्तराखंड के शहरी निकाय क्षेत्रों में नजूल भूमि के हजारों पट्टाधारकों को प्रदेश सरकार ने बड़ी राहत दी है। वर्षों से नजूल पट्टों पर काबिज पट्टाधारकों अब अपने पट्टों को फ्रीहोल्ड करा सकेंगे। शुक्रवार को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में उत्तराखंड नजूल भूमि प्रबंधन, व्यवस्थापन एवं निस्तारण अध्यादेश के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। अध्यादेश के तहत पूर्व में बनी नजूल नीति को निरस्त करने का प्रावधान किया गया है।
नजूल भूमि पर काबिज हैं वैध और अवैध लोग व संस्थान
राज्य के देहरादून, ऊधमसिंह नगर व नैनीताल के नगरीय क्षेत्रों में काफी नजूल भूमि है। नजूल भूमि पर आम लोग वैध व अवैध रूप से काबिज हैं। इस भूमि का उपयोग राज्य व केंद्र सरकार के प्रतिष्ठानों और नगर निकायों व प्राधिकरणों द्वारा भी किया जा रहा है।
कमजोर वर्ग को देंगे किफायती आवास
अध्यादेश लाकर सरकार नजूल भूमि के बेहतर प्रबंधन और व्यवस्थापन करना चाहती है। उसका उद्देश्य है कि इस भूमि का उपयोग आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को किफायती आवास, स्वरोजगार के अवसर को सुरक्षित करने व पट्टाधारकों के हितों की सुरक्षा प्रदान करना है।