नन्हे हाथों में मांगों का बोझ, जानिए कहां का है मामला

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देहरादून। राज्य के पर्वतीय इलाकों में सड़क और पुल का टोटा किसी से छिपा नहीं है। लेकिन, जब खेलकूद में व्यस्त रहने वाले नन्हे पांव भी सड़क और पुल की मांग करते हुए जुलूस में कदमताल करने को मजबूर हो जाएं तो साफ है कि दर्द, उसे सहने की सीमा के अंतिम छोर तक पहुंच गया है। वाकया पौड़ी जनपद का है। यहां दुगड्डा ब्लाक के जुवा, बंगला और भैड़ गांव के बच्चों के हाथ में रविवार को किताबों की जगह बैनर व तख्तियों ने ले ली।

हर वक्त चटर-पटर खाने को लालायित रहने वाले नौनिहाल दिनभर अनशन पर बैठे रहे। मांग थी लंगूरगाड नदी पर पुल के निर्माण की। वैसे तो पुल निर्माण के लिए नदी के तट पर ग्रामीणों का अनशन 20 दिन से चल रहा है। मगर, जन आंदोलन के गर्भ से जन्मे राज्य की भावी पीढ़ी के हाथ में मांगों का यह बोझ बेहद दुखद है।

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