ऋषिकेश: थाना रानीपोखरी के भोगपुर क्षेत्र में नवविवाहिता आरती की मौत के मामले में उत्तराखंड महिला आयोग के अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने संज्ञान लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के मामले में कठोर कार्रवाई के लिए लिखा है।
रानीपोखरी के भोगपुर गांव में बीते दिनों नवविवाहिता आरती की संदिग्ध मौत हो गई थी। इस मामले में आरती के स्वजन ने उसके पति सहित ससुराल पक्ष के लोग के खिलाफ रानीपोखरी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने इस मामले में पति और देवर को गिरफ्तार कर लिया था। आरती की शादी 21 दिसंबर को हुई थी।
इस मामले में उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा कि संदिग्ध परिस्थितियों में नवविवाहिता की मौत हुई है। इस मामले में आवश्यक कार्रवाई करके दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाए।
एसबीआइ में बताई नौकरी, निकला बेरोजगार
चार आरोपितों में आरती के दूर के मामा चंद्रशेखर रावत भी शामिल हैं, जो कि आरोपित पवन का मौसा भी है। इसी व्यक्ति ने आरती और पवन की शादी करवाई थी। आरोप है कि उन्होंने पवन को भारतीय स्टेट बैंक में कार्यरत बताया था। मगर, पवन बेरोजगार था।
बयान बदलता रहा पवन
थानाध्यक्ष राणा ने बताया कि आरती का पति पवन लगातार पुलिस के सामने अपने बयानों को बदला रहा। वह कभी आरती के गिरने से हुई मौत के बारे में बताता रहा तो कभी जहर खाने की बात कहता रहा।
पत्नी का कराया था बीमा
सीओ डोईवाला अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि आरोपित पवन ने आरती का पांच हजार रुपये प्रतिमाह का बीमा भी कराया था। दो दिन पूर्व ही उसने उसके खाते से स्कूटी खरीदने के नाम पर पैसे भी निकाले थे।
15 दिन में ही शादी करने का बनाया था दबाव
आरोपितों ने नवंबर माह में सगाई करने के बाद छोटे बेटे के विदेश जाने की बात कहते हुए 15 दिन के भीतर ही आरती के परिवार वालों पर शादी करने का दबाव बनाया था। कुछ रिश्तेदारों की मौजूदगी में ही शादी कर ली गई थी। शादी के बाद से ही लगातार आरोपित कुछ न कुछ मांग कर कर आरती के पिता को परेशान कर रहे थे।