विकासनगर। जय पंडित ने आखिर क्यों अपनी मां की हत्या करने के बाद खुद की जीवन लीला समाप्त करने का कदम उठाया? यह प्रश्न हर किसी के मन में कौंध रहा है। परिवार के सदस्य भी इसे लेकर हैरान हैं। मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों के साथ ही मनोचिकित्सक का भी मानना है कि क्रोध, कुंठा और नशे के कारण ही जय पंडित ने ऐसा कदम उठाया। जानकारी के अनुसार जय पंडित के पिता रिटायर्ड अधिकारी थे। उनकी करोड़ों की संपत्ति है।
बेलोवाला में फार्महाउस के साथ ही 28 कमरों का हॉस्टल और डेयरी है। वर्ष 2015 में देवभूमि इस्ट्टीयूट ऑफ टेक्नोलॉजी से पासआउट जय के पास पैसों की कोई कमी नहीं थी। जय ने बीबीएचआर का कोर्स किया था। वह चार बहनों का एकलौता भाई था और सबसे छोटा होने के चलते सभी का लाडला था। चार बहनों का एकलौता भाई था। उसने दोस्त अंकित श्रीवास्तव को अपने साथ बिजनेस करने के लिए बुलाया था। दोनों की डूंगा गांव में सीमेंट सरिए का काम शुरू करने की योजना थी।
ऐसे में प्यार-दुलार और ऐशो आराम की जिंदगी के बीच वह नशे में डूब गया। सीओ भूपेंद्र धोनी ने बताया कि नशे की लत के चलते जय को दो माह के लिए राजपुर रोड स्थित एक नशामुक्ति केंद्र में भी भर्ती कराया गया था। वहीं, एसपी देहात परमेंदर डोभाल का कहना है कि संभवतः नशे के कारण जय मानसिक संतुलन खो बैठा और कुंठा में आकर उसने यह सब कर डाला। मनोचिकित्सक डॉ. जेएस बिष्ट का कहना है कि नशे का आदी व्यक्ति कई बार रिश्ते और संबंधों को प्राथमिकता नहीं देता, उसकी पहली प्राथमिकता नशा होता है। पैरेंट्स द्वारा मना करने पर वह क्रोध में आ जाता है। क्षणिक पागलपन में वह सारी हदें तोड़ जाता है।
सालगिरह मनाने की तैयारी में जुटी बड़ी बहन ममता को गहरा सदमा लगा है। वह बार-बार एक ही सवाल कर रही थीं कि आखिर भाई ने ऐसा क्यों किया। जय पंडित की सबसे बड़ी बहन ममता की 25 फरवरी को शादी की 16वीं सालगिराह थी। उसका ससुराल पटेलनगर देहरादून में है। इसे यादगार बनाने के लिए वह कई दिनों से तैयारी में जुटी थी, लेकिन सालगिरह का दिन ममता को जीवनभर का जख्म दे गया। आंखों से छलकते आंसू और रूंधे गले से ममता ने बताया कि पूरे साल उसे इस दिन का इंतजार था। उसने सपने में भी नही सोचा था कि 25 फरवरी ऐसी आएगी।
ममता की बीते सोमवार की शाम को ही फोन पर भाई जय के साथ ही मां से अलग-अलग बात हुई थी। ममता ने बताया कि भाई और मां को पिता की पेंशन के कागज ठीक कराने के लिए मंगलवार को चंडीगढ़ जाना था। ममता ने बताया कि कमरे में बंद जय के दोस्त अंकित ने फोन कर गोली चलने की बात बताई। इसके बाद वह दौड़ी-दौड़ी बेलावाला पहुंची। भाई और मां का शव देख वह बिलख-बिलख कर रोने लगी। जय के इस कदम से वह भी अचंभित है। उनके मन में भी बस यही सवाल बार-बार कौंध रहा है कि आखिर भाई ने ऐसा क्यों किया?