देहरादून। शासन ने उत्तराखंड सचिवालय संघ की कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सात दिन लॉकडाउन की मांग को ठुकरा दिया। अलबत्ता कर्मचारियों की संख्या की सीमित करने का आश्वासन जरूर दिया।
विधानसभा सत्र की तैयारियों के मद्देनजर नोडल अधिकारियों की संख्या को सीमित करने का भी अनुरोध किया गया। जिस पर तय हुआ कि विधानसभा में सूचनाओं का एक प्रकोष्ठ बनेगा और नोडल अधिकारी व्हाट्स एप और ईमेल के माध्यम से सूचनाओं का आदान-प्रदान करेंगे।
यह आश्वासन मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने सचिवालय संघ के प्रतिनिधिमंडल को दिया। संघ के महासचिव राकेश जोशी के नेतृत्व में मुख्य सचिव से मिले प्रतिनिधिमंडल में सीधी भर्ती संघ के महासचिव व्योमकेश दुबे और सचिवालय समीक्षा अधिकारी संघ के उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद रतूड़ी शामिल थे।
मुख्य सचिव ने सचिवालय को सात दिन बंद करने से कर दिया इनकार
वार्ता के दौरान मुख्य सचिव ने सचिवालय को सात दिन बंद करने से इनकार कर दिया। सचिवालय में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए एहतियात के तौर पर उन्होंने कर्मचारियों की उपस्थिति को सीमित करने का आश्वासन दिया। संघ ने चिंता जाहिर की कि विधानसभा सत्र के लिए बड़ी संख्या में नोडल अफसर बनाए गए हैं।
लेकिन कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए उनकी संख्या को भी सीमित किया जाए। इस पर मुख्य सचिव ने आश्वस्त किया कि इस संबंध में विधानसभा सचिव से पत्राचार किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल के मुताबिक, उन्होंने कहा कि यह प्रयास होगा कि विधानसभा में एक प्रकोष्ठ बनाया जाए जो शासन स्तर पर नोडल अफसरों की सूचनाओं को व्हाट्स एप या ईमेल के माध्यम से प्राप्त करना सुनिश्चित करे।
मामले बढ़े तो विभागों में सीमित हो सकती है संख्या
कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने पर प्रदेश सरकार विभागीय कार्यालयों में भी कर्मचारियों की संख्या को सीमित करने पर विचार कर सकती है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन, उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच समेत कई अन्य कर्मचारी संगठन विभागों में लॉकडाउन की मांग कर रहे हैं। सरकार लॉकडाउन करने के स्थान पर कर्मचारियों की संख्या को सीमित कर सकती है।