विकासनगर। सहसपुर ब्लाक के हसनपुर गांव की रब्बानी ने अपने हाथों ही अपनी दुनिया उजाड़ ली। नवाबगढ़ और डाकपत्थर के बीच तीन बच्चों के साथ शक्तिनहर में कूदी रब्बानी का एक बच्चा लापता है और दो की मौत हो चुकी है। अब उसके हाथों में पछतावे के सिवा कुछ नहीं रहा। कहती है, पति से झगड़े के बाद मन में आया कि डूबकर मर जाऊं और फिर गुस्से में ही घटना को अंजाम दे दिया।
रब्बानी के तीनों बच्चे जिया (तीन), जैद (12) और जैनद (13) रविवार सुबह नाना के घर रामपुर जाने को लेकर उत्साहित थे। खुशी की एक वजह यह भी थी कि उनकी मौसी नाना के घर में ही दावत दे रही थी। इसलिए सुबह से ही वे अपनी मां से सुंदर कपड़े पहनाने की जिद कर रहे थे। इन मासूमों को क्या मालूम था कि कुछ समय बाद यही मां उनकी काल बन जाएगी। मायके में रात रुकने की जिद पर जब रब्बानी का पति शहजाद से विवाद हुआ तो बेटों जैद व जैनद ने दोनों को मनाया। इसके बाद शहजाद दवा लेने देहरादून चला गया और रब्बानी अपने ससुर रमजान से रामपुर जाने की बात कहकर तीनों बच्चों के साथ घर से निकल पड़ी।
इस दौरान बच्चों के चेहरों पर नाना के घर जाने की खुशी साफ झलक रही थी। उन्हें कहां अंदेशा था कि वे नानी के घर नहीं, बल्कि दुनिया से रुखसत होने जा रहे हैं। रब्बानी ने रामपुर जाने के बजाय विकासनगर की बस ली। यहां से वो बच्चों के साथ टैंपो से नवाबगढ़-डाकपत्थर के बीच नई कालोनी के समीप पहुंची। टैंपो से उतरने के बाद उसने दोनों बेटों का हाथ पकड़ा और बच्ची को गोद में उठा लिया। शक्तिनहर के किनारे पहुंचते ही उसने दोनों बेटों को हाथ पकड़कर आगे किया और पलक झपकते ही नहर में धक्का दे दिया। इसके बाद स्वयं भी बच्ची के साथ नहर में कूद गई।
नहर में बहाव इतना तेज था कि तैराक युवक रब्बानी और बच्ची को ही बाहर निकाल पाए, लेकिन दुर्भाग्य से तब तक बच्ची की मौत हो चुकी थी। रब्बानी की जान बचाने वाले युवक आसिफ, सोनू और अयान ने दोनों बेटों को तलाशने के लिए नहर में दोबारा गोता लगाया, लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लगा। मौके पर मौजूद हर कोई हतप्रभ था, जिसने भी घटना के बारे में सुना, यही कह रहा था, क्या ऐसी भी मां होती है, जिसने खुद ममता का गला घोंट दिया।