नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 10 साल की सजा, डीएनए रिपोर्ट को माना आधार

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प्रतीकात्मक तस्वीरदेहरादून। शादी का झांसा देकर नाबालिग से दुष्कर्म करने के आरोपी को स्पेशल फास्ट ट्रैक जज अनिरुद्ध भट्ट कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
सुनवाई के दौरान पीड़िता अपने बयान से पलट गई थी, लेकिन अदालत ने डीएनए रिपोर्ट को आधार मानकर सजा का एलान किया है। दोषी पर कुल 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इसमें से 20 हजार रुपये पीड़िता को दिए जाने के आदेश दिए गए हैं। एक माह के भीतर फास्ट ट्रैक कोर्ट का यह तीसरा फैसला है।

घटना रानीपोखरी थाना क्षेत्र की है। शासकीय अधिवक्ता अरविंद कपिल के अनुसार 28 अप्रैल 2018 को रानीपोखरी क्षेत्र के एक व्यक्ति ने अपनी 16 वर्षीय पुत्री के गायब होने की सूचना दी थी। पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। अगले दिन हैप्पी सिंह निवासी सेक्टर 52 चंडीगढ़ को मोहाली से गिरफ्तार कर उसके कब्जे से पीड़िता को मुक्त कराया गया।

विवेचना के दौरान पीड़िता के मजिस्ट्रेटी बयान कराए गए। इसमें उसने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म की बात सामने आई। विवेचना के दौरान कई तरह के वैज्ञानिक साक्ष्यों को भी इकट्ठा कर उनकी जांच कराई गई। इस मुकदमे में कुल छह गवाह प्रस्तुत किए गए।

हालांकि, ट्रायल के दौरान पीड़िता बयानों से पलट गई, लेकिन डीएनए रिपोर्ट आरोपी को दोषी साबित करने के लिए पर्याप्त सिद्ध हुई। शासकीय अधिवक्ता के अनुसार पीड़िता और अभियुक्त के कपड़ों पर पड़े सीमेन को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा था। इस सीमेन से पीड़िता और अभियुक्त के ब्लड से मिले डीएनए से मिलान हुआ। यही इस सजा का मुख्य आधार बन सका।

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