देहरादून में राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मंगलवार रात एक साथ कई मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ गई। इससे ऑक्सीजन लाइन पर प्रेशर बढ़ गया और आपूर्ति में दिक्कत आई। इससे मरीजों की जान पर बन गई। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वालों से संपर्क कर किसी तरह स्थिति संभाली।
दून अस्पताल के सूत्रों के अनुसार मंगलवार रात लगभग 100 से अधिक मरीजों को एक साथ ऑक्सीजन की जरूरत पड़ गई थी। इसके लिए ऑक्सीजन प्लांट से लाइन में आपूर्ति सुचारू करने के लिए विशेषज्ञ और अन्य स्टाफ की सक्रियता बढ़ानी पड़ी।
हालात नियंत्रण से बाहर होने पर मेडिकल स्टॉफ ने अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन ने ऑक्सीजन आपूर्ति करने वाले फर्म के विशेषज्ञ संचालकों से संपर्क किया।
देर रात विशेषज्ञों ने मोर्चा संभाला और सभी लाइनों को चेक कर ऑक्सीजन प्लांट की मुख्य लाइन चेक करने के बाद आपूर्ति बहाल की गई। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केसी पंत ने बताया कि सभी विशेषज्ञों के सहयोग से समय पर स्थिति संभाल ली गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन ने व्यवस्थाएं न संभाली होती तो यहां भी नासिक (महाराष्ट्र) की जैसी घटना हो सकती थी।बता दें कि नासिक में ऑक्सीजन की समुचित आपूर्ति न होने की वजह से करीब 24 मरीजों की जान चली गई। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि ऑक्सीजन के मसले पर पूरी तरह से नियम बनाए हुए हैं। किसी भी तरह की दिक्कत आने पर तुरंत उसका समाधान किया जा रहा है।
24 घंटों में जिले में गई 11 लोगों की जान
देहरादून जिले में मौत का आंकड़ा थम नहीं रहा है। संक्रमित मरीजों के मौत को लेकर चिंता बनी हुई है। कहीं बेड न मिलने और कहीं वेंटिलेटर न होने के कारण भी लोग मौत का शिकार हो रहे हैं। बुधवार को देहरादून जिले में 11 कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई। वहीं कुल 1876 लोग संक्रमित मिले हैं।