देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित पाए गए मरीजों का उपचार अब निजी अस्पतालों में भी किया जाएगा। मंगलवार को इस संबंध में सचिव स्वास्थ्य अमित सिंह नेगी ने आदेश जारी कर दिए। संक्रमित मरीजों का उपचार करने के लिए निजी अस्पताल को क्लीनिकल इस्टेब्लिसमेंट एक्ट (नैदानिक स्थापना अधिनियम) के तहत पंजीकरण होना अनिवार्य है।
वहीं, निजी अस्पतालों को कोविड-19 की शर्तों का पालन करना होगा। प्रदेश में अभी तक कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार लिए सरकारी अस्पतालों को अधिकृत किया गया है। निजी अस्पताल में यदि मरीज किसी अन्य बीमारी का इलाज करा रहा है और इस दौरान कोरोना संक्रमित पाए जाने पर उसे अधिकृत सरकारी अस्पताल में भर्ती किया जाता है।
ऐसे में मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। सचिव स्वास्थ्य की ओर से जारी किए आदेश के अनुसार निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार किया जाएगा।
अस्पताल में अलग से वार्ड होना चाहिए
इसके लिए अस्पताल में अलग से वार्ड होना चाहिए। जिसमें प्रवेश और निकासी द्वार अलग-अलग हो। आपातकालीन सेवा में 24 घंटे डॉक्टर व पैरा मेडिकल स्टाफ की सेवाएं, आईसीयू, आइसोलेशन वार्ड में ऑक्सीजन के साथ ही कोविड मरीजों के लिए अलग से एंबुलेंस की व्यवस्था जरूरी है।
प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए सरकार ने सरकारी अस्पतालों की श्रेणी बनाई थी। जिसमें डेडीकेट कोविड अस्पताल, डेडीकेट कोविड हेल्थ सेंटर, जिला स्तर पर कोविड केयर सेंटर शामिल हैं।
वर्तमान में प्रदेश के सभी संक्रमित मरीजों का इलाज अधिकृत सरकारी अस्पतालों में किया जा रहा है। लेकिन अब नई व्यवस्था से सरकारी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज का दबाव कम होगा।