नैनीताल। भारत से पेंशन लेने वाले नेपाल के पेंशनर्स के लिए आज से तीन दिन के लिए भारत नेपाल को जोडने वाले अंतर्राष्ट्रीय झूला पुल खोल दिए गए। धारचूला और जौलजीबी के खोले गए। जौलजीबी में पुल निर्धारित समय से तीन घंटे बाद खुला। पुल पर स्वास्थ्य की जांच करने के लिए चिकित्सकों की टीम पहुंची तब जाकर सवा बारह बजे खोला गया। जबकि पुल को सुबह नौ बजे खुलना था। नेपाल की तरफ भारत आने वालों की संख्या काफी अधिक है। एक बार मे पांच से छह लोगों को ही पुल से आने की अनुमति दी जा रही है। प्रवेश सिर्फ पेंशनर्स को दिया जा रहा है।
एसडीएम ने बताया कि नेपाल के दार्चुला जिले के 120 नेपाली पेंशनर्स भारत के धारचूला और जौलजीबी स्टेट बैंक से पेंशन लेते हैं। सभी पेंशनर्स भारतीय सेना के सेवानिवृत्त्त जवान हैं। बीते दिनों नेपाल सरकार ने भारत सरकार से पेंशनर्स के लिए पुल खोलने का अनुरोध किया था। इस अनुरोध पर भारत सरकार द्वारा अनुमति प्रदान की गई। सरकार से अनुमति मिलने पर नेपाल के दार्चुला और भारत के धारचूला तहसील प्रशासन के बीच वार्ता के बाद बुधवार से शुक्रवार तक तीन दिन के लिए धारचूला और जौलजीबी पुल खोल दिया गया है।
एसडीएम ने बताया कि पुल सुबह नौ बजे से दिन में दो बजे तक खुलेगा। इस दौरान धारचूला और जौलजीबी पुल से नेपाली पेंशनर्स भारत आकर पेंशन ले सकेंगे। उन्होंने बताया कि पुल मात्र पेंशनर्स के लिए खोले जा रहे हैं। इधर झूलाघाट से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक झूलाघाट पुल खुलने की कोई सूचना नहीं मिली है। झूलाघाट एसबीआइ से नेपाल के लगभग चार सौ पेंशनर्स पेंशन लेते हैं। मालूम हो कि तीन माह पूर्व भी नेपाली पेंशनर्स के लिए धारचूला, जौलजीबी और झूलाघाट पुल खोले गए थे ।
बीते दिनों झूलाघाट के व्यापारियों ने मात्र पेशनर्स के लिए अपितु सभी के लिए हमेशा के लिए पुल खोलने की मांग को लेकर आंदोलन तक चलाया था। केवल पेंशनर्स के लिए पुल खोलने पर व्यापारियों द्वारा पुल पर अनशन पर बैठने की धमकी दी थी। झूलाघाट के व्यापारियों ने कहा है कि भारतीय व्यापारियों का नेपाल में 56 लाख रुपए की बकाया धनराशि है। व्यापारी संजीव जोशी ने कहा है कि भारतीय व्यापारियों को अपने बकाया वसूली के लिए नेपाल जाने की अनुमति प्रदान की जाए। पुल हमेशा के लिए खोलने की मांग की है।