नैनीताल में सीवर लाइन की गंदगी झील में जाने के मामले में डीएम व प्राधिकरण से शपथपत्र तलब

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नैनीताल: हाई कोर्ट ने नैनीताल शहर में सीवर लाइनों के विभिन्न स्थानों पर चोक होने व सीवर का गंदा पानी नैनी झील में जाने को लेकर स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की।मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने जिलाधिकारी नैनीताल व झील विकास प्राधिकरण से दो सप्ताह के भीतर शपथपत्र पेश करने को कहा है।

बुधवार को सुनवाई के दौरान जल संस्थान की ओर से कहा गया कि जहां-जहां सीवर लाइन चोक हो रही थी, उसमें से कई को ठीक कर दिया है, शेष कार्य प्रगति पर है।

चार्टनलॉज में सीवर लाइन के ऊपर  किए  गए अतिक्रमण को हटा दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि जहां जहां सीवर लाइन के ऊपर अतिक्रमण हुआ है, सीवर लाइन चोक हो रही है, उनकी फोटो भी शपथपत्र के साथ कोर्ट में पेश करें  अगली सुनवाई आठ अगस्त की तिथि नियत की है। 

जनहित याचिका में कहा गया है कि सीवर का गंदा पानी नालों के जरिए सीघे झील में जा रहा है, जिसकी वजह से झील भी प्रदूषित हो रही है।

मुख्य रूप से पंत सदन, चीना बाबा के पास, रॉयल होटल कम्पाउंड, चार्टनलॉज , मालरोड सहित अन्य जगहों पर सीवर लाइन चोक होने व उनका गंदा पानी सीधे झील में जाने को लेकर कोर्ट ने चिंता जताई। झील प्रदूषित होने का दुष्प्रभाव मानव व जलीय जीवों पर पड़ रहा है।

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