देहरादून। पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस में चल रही कलह को दूर करने के लिए दिल्ली हाईकमान के आदेश में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत पिछले तीन दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं।
कई दौर की वार्ता, लेकिन अभी तक हल नहीं निकल पाया
सूत्रों के अनुसार, इस दौरान उनकी पंजाब कांग्रेस से जुड़े नेताओं से कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक हल नहीं निकल पाया है।
तीन वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की एक समिति बनाई
पंजाब में सत्ताधारी कांग्रेस के बीच सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है। दिल्ली हाईकमान ने पार्टी नेताओं के भीतर ही उपजे विवाद को लेकर तीन वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की एक समिति बनाई है, जिसमें उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत अहम भूमिका निभा रहे हैं।
बैठक में पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी पहुंचे
सूत्रों के अनुसार तीन सदस्यीय समिति ने मंगलवार को भी विधायकों के साथ बैठक की। इस बैठक में पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी पहुंचे। इससे पहले इस समिति ने सोमवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ और 20 से अधिक विधायकों से मुलाकात कर उनकी राय सुनी।
वरिष्ठ नेता हरीश रावत पर भरोसा जताया
कांग्रेस हाईकमान ने कांग्रेस के बीच उबरे इस रण के सियासी समाधान के लिए वरिष्ठ नेता हरीश रावत पर भरोसा जताया है। बताया जा रहा है कि बुधवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को समिति के सामने प्रस्तुत होने को कहा गया है। सिद्धू अपनी बात कह चुके हैं, अब कैप्टन की बारी है।
समिति में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल शामिल हैं। इस संबंध में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से बात करने की कोशिश की गई है, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।