विकासनगर देहरादून- पछवादून संयुक्त समिति के अभियान के तहत दिनांक 9 तारीख बुधवार को एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें समिति के समस्त पदाधिकारी एवं आम जनता ने भी शिरकत की विचार गोष्ठी का मूल विषय शीशम बाड़ा कूड़ा निस्तारण केंद्र से जनमानस के स्वास्थ्य एवं स्थानीय पर्यावरण पर पड़ रहा घातक प्रभाव था विचार गोष्ठी में इस बात पर भी ध्यान आकर्षित किया गया कि आज शासन प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के लिए जनता की गंभीर समस्या सरकारों की सहूलियत के हिसाब से निर्धारित की जा रही हैं कूड़ाघर जो कि आज पछवा दून के लिए न केवल स्वास्थ्य की दृष्टि से घातक बल्कि स्थानीय साफ-सुथरे वातावरण के लिए एक कलंक साबित हो रहा है को शासन प्रशासन आज भी विचारणीय विषय नहीं समझ रहा है और ना ही इसे अन्य जगह शिफ्ट करने के लिए गंभीर है उक्त कूड़ाघर आज एक बड़े भ्रष्टाचार का केंद्र बन चुका है पिछले काफी समय से यह पूर्ण रूप से गैरकानूनी ढंग से अपने शासन और प्रशासनिक आकाओं की छत्रछाया में चल रहा है कूड़ाघर के अंदर कूड़ा बिनने वाले नाबालिक बच्चो का प्रवेश पन्निया बिनने के लिए किस कानून की तहत करवाया जा रहा है बहुत जल्द समिति सरकार से इस संबंध में जवाब मांगेगी
समिति ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि सरकार इस कूड़ा घर को अन्य जगह सिफ्ट करने को लेकर कोई स्पष्ट निर्देश जारी नहीं करती है तो जन जागरण की गति और तेज की जाएगी और जन जन तक ये बात पहुंचाई जाएगी कि कूड़ाघर में आरंभ से लेकर अभी तक एक बड़ा गोरखधंधा चल रहा है और इसकी जांच की मांग भी की जाएगी आज पछवा दून की जनता के लिए बड़े दुर्भाग्य की बात है कि कूड़ाघर के मामले में सत्तधारी पार्टी के साथ साथ विपक्ष की भूमिका भी संदेश के घेरे में है क्यों विपक्ष अपना धर्म निभाते हुवे स्थानीय जनता की इस पीड़ा को गंभीरता से सड़क से लेकर विधान सभा तक नहीं उठा रहा है? इसलिए जनता को भी यह समझना होगा कि आप की विचारधारा किसी भी पार्टी विशेष के साथ जुड़ी हो लेकिन आने वाले दिनों में सच झूठ छल कपट जनता का हित अहित का आकलन अवश्य करें और किसी भी रूप से कठपुतली का विषय ना बने साथ ही सच सुनने कहने और गलत का विरोध करने की ताकत को बरकरार रखे
समिति ने स्पष्ट किया की हमारी मुहिम किसी राजनीतिक द्वेष पूर्ण भावना से प्रेरित नहीं है हमारी मांग हमारे बुनियादी अधिकार के लिए है हमारा संविधान हमें स्वच्छ हवा पानी और वातावरण में जीने का मौलिक अधिकार देता है जिसका आज हमारी चुनी हुई सरकारों द्वारा सरासर हनन हो रहा है इसलिए हमारी लड़ाई अपने अधिकारों को हासिल करने के लिए अंतिम सांस तक जारी रहेगी