देहरादून। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा का लाभ उठाने के लिए परिवार का एक कार्ड नहीं चलेगा। यदि परिवार में पांच सदस्य हैं, तो उनका अलग-अलग कार्ड बनेगा। राज्य स्वास्थ्य अभिकरण ने भी यह माना है कि अभी भी पात्र परिवारों के प्रत्येक सदस्य द्वारा गोल्डन कार्ड की अनिवार्यता को समझा नहीं गया है। पर अब लोग इसे लेकर जागरूक हो रहे हैं।
प्रदेश में अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के अभी तक 34.25 लाख (14.29 लाख परिवारों के सदस्य) के गोल्डन कार्ड बने हैं। इस वक्त राज्य स्तर पर अधिकाधिक लोगों के गोल्डन कार्ड बनाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसे दस जनवरी तक बढ़ा दिया गया है।
योजना के अध्यक्ष डीके कोटिया ने बताया कि यह देखा गया है कि अभी तक पात्र परिवारों के प्रत्येक सदस्य द्वारा गोल्डन कार्ड की अनिवार्यता के महत्व को समझा नहीं गया था, जिस कारण 34 लाख गोल्डन कार्ड ही बन पाए थे। पर विशेष अभियान के तहत पात्र परिवारों के प्रत्येक सदस्य द्वारा गोल्डन कार्ड बनाए जाने की अनिवार्यता को महसूस किया गया है और अब परिवार के प्रत्येक सदस्य द्वारा गोल्डन कार्ड बनाने के लिए जागरूक होते दिख रहे हैं।
उन्होंने बताया कि अभियान में जनप्रतिनिधियों व स्वैच्छिक संगठनों का भी सहयोग किया जा रहा है। आशाओं व आरोग्य मित्रों को भी गोल्डन कार्ड बनाने के लिए अभियान में शामिल किया गया है। इसके लिए उन्हें प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
बताया कि अटल आयुष्मान योजना में गोल्डन कार्ड धारक व्यक्ति को सालाना पांच लाख रुपये तक का निश्शुल्क उपचार मिलेगा। वर्तमान में यह सुविधा राज्य के सभी 101 सरकारी चिकित्सालयों व 74 सूचीबद्ध निजी चिकित्सालयों में (रेफर करने के आधार पर) मरीजों को मिल रही है। आपातकालीन में योजना में सूचीबद्ध निजी चिकित्सालयों में बिना रेफर भी उपचार की सुविधा मरीजों को दी जा रही है। योजना के अंतर्गत 1350 प्रकार की बीमारियों के इलाज की सुविधा है।