देहरादून। पर्यटन एवं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने दिल्ली प्रवास के दौरान नेपाल के राजदूत नीलांबर आचार्य और राम प्रसाद सुबेदी मंत्री, डीसीएम दूतावास से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत-नेपाल के मैत्रीपूर्ण संबंधों, आपसी सौहार्द व सहयोग को आगे बढ़ाने के साथ ही पंचेश्वर बांध समेत विभिन्न विषयों पर चर्चा की। साथ ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की ओर से होली की शुभकामनाएं भी दीं।
मुलाकात के दौरान महाराज ने कहा कि सामाजिक क्षेत्र में भारत नेपाल की खुली सीमा दोनों देशों के संबंधों की विशेषता है। दोनों देशों के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता है। उन्होंने कहा कि नेपाल, भारत का एक महत्वपूर्ण पड़ोसी है और सदियों से चले आ रहे भौगोलिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व आर्थिक संबंधों के कारण हम एक-दूसरे के लिए विशेष महत्व रखते हैं। उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल हिंदू व बौद्ध धर्म के संदर्भ में समान संबंध साझा करते हैं। दोनों देशों के बीच 1850 किलोमीटर से अधिक लंबी साझा सीमा है, जिससे भारत के पांच राज्य सिक्किम, बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड जुड़े हैं।
उन्होंने कहा कि बुद्ध का जन्म वर्तमान नेपाल में स्थित लुंबिनी में हुआ था। बाद में वह ज्ञान की खोज में भारत के बोधगया आए। रामायण सर्किट योजना का जिक्र करते हुए कहा कि यह दोनों देशों के मजबूत सांस्कृतिक व धार्मिक संबंधों का प्रतीक है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि लुंबिनी से गोरखपुर (भारत) तक और जनकपुर (नेपाल) से अयोध्या (भारत) के मध्य रेलवे लाईन का विस्तार होना चाहिए। महाराज ने कोरोना काल में दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग से पर्यटन को बड़ाव देने के संबंध में भी चर्चा की। साथ ही कहा कि भारत पंचेश्वर बांध सहित नेपाल में विभिन्न विकास योजनाओं में सहयोगी है। इसलिए जरूरी है कि आपसी मैत्री व सहयोग से हम विकास योजनाओं को लेकर सद्भावना के साथ आगे बढ़ें।