प्रदेश में पानी की प्लास्टिक बोतलों का प्रचलन कम करने, ग्रामीणों को स्वरोजगार और पर्यटकों को स्वच्छ पानी देने के लिए हर पर्यटन स्थल पर अत्याधुनिक वाटर एटीएम लगेंगे। पेयजल विभाग जल्द ही इसकी शुरुआत करने जा रहा है। अभी तक सभी पर्यटन स्थलों पर पेयजल की खास व्यवस्था नहीं है।
पर्यटक भी आम पानी के स्त्रोत से पानी पीने के बजाए बोतलबंद पानी को तवज्जो देते हैं। इससे पहाड़ में बोतलों की भरमार है। पर्यटक पानी पीकर बोतलें खुले में कहीं भी फेंक देते हैं। ये प्लास्टिक कचरा पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है। पेयजल विभाग अब इस समस्या के समाधान और ग्रामीणों को स्वरोजगार से जोड़ने की नई योजना लेकर आ रहा है।
विभाग की ओर से प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर पहले चरण में 500 अत्याधुनिक वाटर एटीएम लगाए जाएंगे। इन वाटर एटीएम के संचालन की जिम्मेदारी संबंधित पर्यटन स्थल की ग्राम पंचायत को दी जाएगी। इससे होने वाली कमाई भी वही रखेंगे।
पानी की गुणवत्ता भी डिस्प्ले होगी
उत्तराखंड आने वाले पर्यटक बोतलबंद पानी के बजाय इन वाटर एटीएम से सस्ती दरों पर अच्छा पानी लें, इसके भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। सभी वाटर एटीएम पर उस पानी की गुणवत्ता डिस्प्ले की जाएगी। पर्यटकों को यह पता रहेगा कि वह किस स्तर का पानी पी रहे हैं। बाद में सरकार इन सभी वाटर एटीएम की गुणवत्ता की प्रक्रिया ऑनलाइन कर देगी और किसी भी एटीएम की कहीं बैठे गुणवत्ता देखी जा सकेगी।
प्रदेश में हर साल लाखों पर्यटक आते हैं लेकिन ज्यादातर की निर्भरता बोतलबंद पानी पर रहती है। हम इस प्रचलन को हतोत्साहित करने के साथ ही ग्रामीणों को रोजगार देने के लिए पर्यटन स्थलों पर वाटर एटीएम लगाने जा रहे हैं। जल्द ही इसकी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। -नितेश झा, सचिव, पेयजल