पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश से ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर बढ़ा, चेतावनी रेखा के करीब पहुंचा

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ऋषिकेश। उत्तराखंड में पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश के बाद गंगा तथा गंगा की सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। ऋषिकेश में शुक्रवार की सुबह गंगा के जलस्तर में खासी वृद्धि नजर आई। हालांकि, अभी ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर चेतावनी के निशान से एक मीटर नीचे है।

पिछले दो दिनों से उत्तराखंड में भारी बारिश हुई है। पर्वतीय क्षेत्रों में भी भारी बारिश के चलते नदी-नालों में उफान आ गया है। गंगा में मिलने वाली सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ने से गंगा में भी जल स्तर की वृद्धि लगातार जारी है। शुक्रवार को ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर काफी हद तक बढ़ गया। मध्य रात्रि से ही गंगा के जलस्तर में वृद्धि शुरू हो गई थी। केंद्रीय जल आयोग कि ऋषिकेश चौकी से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक प्रातः 5 बजे ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर सर्वाधिक 338.45 मीटर तक पहुंच गया था। यह स्तर ऋषिकेश में गंगा के चेतावनी निशान 339.50 मीटर से 1.05 मीटर नीचे है। हालांकि इसके बाद फिर से गंगा का जलस्तर घटने लगा था। जिसके बाद प्रातः 8 बजे गंगा का जलस्तर 338.32 मीटर, जबकि 9 बजे 338.20 मीटर पर आ गया था। गंगा के जलस्तर में यह वृद्धि पिछले दो दिनों में ही हुआ है। इससे पूर्व गंगा का सामान्य जलस्तर 337.50 मीटर के आसपास बना हुआ था।

गंगा का जलस्तर बढ़ने से ऋषिकेश तथा आसपास क्षेत्र के सभी पक्के घाट जलमग्न हो गए। ऋषिकेश के प्रमुख त्रिवेणी घाट पर मुख्य प्लेटफार्म तक पानी पहुंच गया है। यहां कुंभ मेले के लिए बनाया गया स्नान घाट भी पूरी तरह पानी में डूब गया है। गंगा का पानी यहां आरती स्थल के प्लेटफार्म के समीप पहुंच गया। उधर, मुनीकीरेती तथा स्वर्गाश्रम क्षेत्र में भी कई पक्के घाट पानी में डूब गए हैं।

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