ऋषिकेश। पर्वतीय क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से गंगा की सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। जिससे गंगा भी उफान पर है। ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा के नजदीक पहुंच गया है। प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए गंगा के तटीय क्षेत्र को खाली करा दिया है। लक्ष्मण झूला और मुनिकीरेती सहित रायवाला तक प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है।
पर्वतीय क्षेत्र में भारी वर्षा को देखते हुए मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया था। गंगा की सहायक नदियां पिंडर और अलकनंदा में अत्यधिक पानी आने की सूचना केंद्रीय जल आयोग को मिली है। गंगा की सहायक नदियों का जल स्तर बढ़ने से इसका असर गंगा के जलस्तर पर सीधा देखा गया है।
शुक्रवार की शाम ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर बढ़ना शुरू हुआ, रात्रि आठ बजे यहां गंगा चेतावनी रेखा 339.50 मीटर से करीब आधा मीटर नीचे बह रही थी। केंद्रीय जल आयोग ने देर रात तक गंगा का जलस्तर और अधिक बढ़ने की चेतावनी जारी की है। जिसके बाद शासन और प्रशासन हरकत में आ गया।
जनपद पौड़ी के लक्ष्मण झूला क्षेत्र, जनपद टिहरी के मुनिकीरेती क्षेत्र, जनपद देहरादून के ऋषिकेश और रायवाला क्षेत्र तक प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। गंगा तट पर बसे सभी लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कह दिया गया है। त्रिवेणी घाट में करीब 300 बेसहारा लोग रहते हैं। यहां आरती स्थल में जलजमाव हो गया है। पानी पक्के प्लेटफार्म की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
त्रिवेणी घाट चौकी प्रभारी उत्तम रमोला ने बताया कि घाट पर रहने वाले सभी बेसहारा व्यक्तियों को यहां से हटा दिया गया है। समीप धर्मशाला में इनके लिए कमरे खुलवाए गए हैं। कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक शिशु पाल सिंह नेगी ने बताया कि मायाकुंड और चंद्रेश्वर नगर क्षेत्र में भी पुलिस की टीम ने जाकर मुनादी करा दी है। आपदा प्रबंधन दल और जल पुलिस को भी अलर्ट कर दिया गया है। दोनों ही दल के जवान गंगा तट पर घूम कर यहां रहने वाले नागरिकों को सावधान कर रहे हैं।
उप जिलाधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि मानसून को देखते हुए जहां जहां भी बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं उन सभी को सक्रिय कर दिया गया है। तहसील क्षेत्र के सभी थाना प्रभारी और राजस्व अधिकारियों को हालात पर नजर रखने के लिए कहा गया है।