उत्तराखंड के चंपावत जिले में दिल के रोग बढ़ रहे हैं, लेकिन इन रोगियों के लिए इलाज की सुविधा नहीं है। करीब तीन लाख की आबादी वाले इस जिले में एक भी हृदय रोग (कार्डियोलोजिस्ट) विशेषज्ञ नहीं है। इस वक्त जिले के लोगों को दिल की बीमारी के इलाज के लिए सबसे नजदीक 155 किमी दूर रुद्रपुर जाना होता है।
फिजिशियन करते हैं दिल के रोगियों का इलाज
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पिछले चार वर्षों में दिल के रोगियों की संख्या 15 प्रतिशत बढ़कर 4775 हो गई है, जबकि इससे पहले ये संख्या 3307 थी। जिला अस्पताल के पीएमएस डॉ. एचएस ऐरी का कहना है कि जिला अस्पताल में दिल के रोगियों का इलाज फिजिशियन करते हैं। परीक्षण के लिए ईसीजी और मल्टी मॉनिटर है।
इकोकार्डियोग्राफी और एंजियोग्राफी की सुविधा नहीं
सीएमओ डॉ. आरपी खंडूरी का कहना है कि करीब 65 प्रतिशत लोगों में हृदय रोग के शुरुआती लक्षण पाए गए हैं। इकोकार्डियोग्राफी और एंजियोग्राफी की सुविधा यहां नहीं है। जिला अस्पताल के गैर संक्रमण विभाग के जरिये दिल के रोग के शुरुआती लक्षण जानने का प्रयास रक्तचाप, मधुमेह, पैथोलॉजी जांच से किया जाता है।
खानपान में सात्विकता, सैर और सकारात्मक नजरिए लाभदायक : सीएमओ
हृदय रोग की चपेट में आ रहे 30 साल के नौजवान भी
सांस फूलने पर तुरंत चिकित्सकीय मार्गदर्शन लें, लेकिन स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अब 50 वर्ष से अधिक लोग ही नहीं, 30 साल के नौजवान भी हृदय रोग की चपेट में आ रहे हैं। सीएमओ का कहना है कि इससे बचने के लिए खानपान में सात्विकता और सैर करने के साथ सकारात्मक नजरिया जरूरी है।