पर्वतीय क्षेत्रों में घर बनाने की राह आसान हो सकती है। राज्य सरकार इस दिशा में बड़ा फैसला ले सकती है। जिला विकास प्राधिकरणों की बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसके निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में सुनियोजित विकास को बढ़ावा देने के लिए कुछ राहत देने पर विचार करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास प्राधिकरणों को स्थगित करने के बाद विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में सुनियोजित विकास के प्रति ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में आवासीय भवनों के नक्शे पास कराने की बाध्यता न रहने के कारण इन क्षेत्रों में सुनियोजित विकास के लिए व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए कोई निर्णय लेना उचित होगा। बैठक में सब डिविजनल शुल्क को लेकर चर्चा हुई। उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार इस शुल्क में कमी करने की तैयारी कर रही है। मकान बनाने से जुड़ी और सरकारी औपचारिकताओं में भी राहत दी जा सकती है। लिहाजा, मुख्यमंत्री ने शहरी विकास सचिव शैलेश बगोली को निर्देश दिए हैं कि वह जल्द इसकी आख्या प्रस्तुत करें ताकि इस दिशा में कोई फैसला लिया जा सके। बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई जिला विकास प्राधिकरणों की बैठक में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, हरक सिंह रावत, सचिव शैलेश बगोली, सुशील कुमार, विनोद कुमार सुमन और एमडीडीए उपाध्यक्ष रणवीर सिंह शामिल हुए।