पीपल का पौधा लगाने के अंधविश्वास पर जानकारों का कहना है कि पीपल में तो ऑक्सीजन का खजाना है। यही नहीं पीपल एक ऐसा पेड़ है जो सबसे अधिक पक्षियों का आशियाना भी बनता है। छायादार और आयुर्वेदिक गुणकारी पीपल का पेड़ कोई भी लगा सकता है।बस इसके लिए पर्याप्त मात्रा में जगह होनी चाहिए। क्योंकि पेड़ की शाखाएं और जड़ बहुत दूर तक फैलती हैं। इसलिए खुले स्थानों, मैदानों मार्गों के किनारे पीपल का पेड़ लगाए तो अच्छा रहेगा। इससे पेड़ की छाया का लाभ भी अधिक लोग ले सकेंगे।घरों में पेड़ न लगाने की वजह भी कम जगह ही है, बाकी सभी अवधारणाएं और अंधविश्वास है। कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए मनुष्य का जीवन बचाने में पीपल को आज सबसे बड़े स्तंभ के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे में वन विभाग भी पीपल के पेड़ लगवाने में लगा हुआ है।
पीपल का पेड़ जितनी गर्मी पड़ती है, उतनी ही उसमें पत्ती आती हैं। इससे वह ऑक्सीजन भी सबसे ज्यादा देता है। घर में पेड़ नहीं लगाने की वजह यह होती है कि पक्षी उसके बीज खाकर दीवारों और भवनों पर बीट कर देते हैं। जिससे वहां भी पीपल का पेड़ उगने से दीवारों और भवनों में दरारें आने से उनके गिरने का खतरा बन जाता है। बाकी सभी अंधविश्वास हैं। भगवान कृष्ण ने स्वयं कहा है कि वृक्षों में मैं पीपल हूं। इसलिए लोग पीपल की पूजा करते हैं। इसलिए बगीचों और गार्डन में लगा सकते हैं, उसकी निरंतर लॉपिंग करते रहें, ताकि वह विकराल रूप न ले सके।
– प्रो. रमेशचंद्र दूबे, विभागाध्यक्ष वनस्पति विज्ञान, गुरुकुल कांगड़ी विवि
पीपल के पेड़ से जुड़े बहुत से अंधविश्वास निरर्थक हैं। पीपल लगाना सभी प्रकार से लाभदायक होता है। अनेक प्रकार के पैतृक कार्यक्रम भी इसकी छाया में बैठकर संपन्न होते हैं। पीपल के नीचे किया गया पैतृक कर्म पितरों को मोक्ष देने वाला होता है। ऑक्सीजन का बहुत बड़ा स्रोत्र पीपल है। इस दृष्टि से जीवन रहते जो सुख देने में पीपल सक्षम है। मरने के बाद भी पीपल मोक्ष देता है। सभी को अवधारणाएं छोड़कर ज्यादा से ज्यादा पीपल के पौधे लगाने चाहिए।
– आचार्य विकास जोशी, संस्थापक, नारायण ज्योतिष संस्थान