देहरादून में 4600 ग्रेड पे की मांग को लेकर पुलिसकर्मियों के परिजनों ने सीएम आवास कूच किया। जिन्हें हाथीबड़कला बैरियर पर रोक लिया गया। करीब 200 से ज्यादा परिजनों को पुलिस प्रशासन ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह रात तक मुख्यमंत्री को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े रहे। उन्होंने 4600 रुपये ग्रेड पे आज दो अभी दो के नारे भी लगाए।
दरअसल, मार्च से पुलिसकर्मियों ने 4600 ग्रेड पे की मांग के लिए आवाज उठाई थी। इसके बाद तमाम तरह से आंदोलन चले। पुलिसकर्मियों के परिजनों ने एक बार पहले भी बड़ा आंदोलन किया। इस पर सरकार ने उन्हें आश्वासन भी दिया, लेकिन अभी तक शासन इस मामले में कोई ठोस निर्णय नहीं ले सका।रविवार को पुलिसकर्मियों के करीब 200 परिजन गांधी पार्क में इकट्ठा हुए और जुलूस की शक्ल में मुख्यमंत्री आवास कूच किया। दोपहर करीब एक बजे आंदोलनकारी परिजन हाथीबड़कला पहुंचे। यहां उन्हें पुलिस ने बैरियर लगाकर रोक लिया। इस दौरान एसपी सिटी सरिता डोभाल, सीओ सिटी शेखर सुयाल, जूही मनराल समेत विभिन्न थानों की फोर्स मौके पर मौजूद रही। प्रशासन के अधिकारी भी वहां आए और परिजनों को समझाया, लेकिन वह राजी नहीं हुए।
पुलिसकर्मियों के परिजन रात तक डटे रहे। परिजन वहां मुख्यमंत्री को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े थे। वहीं, पुलिसकर्मियों के परिजनों को उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने भी समर्थन दिया। कई कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे। उन्होंने भी मुख्यमंत्री को मौके पर बुलाकर आदेश करने की बात कही।
इसके अलावा एक अन्य संगठन ने भी पुलिसकर्मियों के परिजनों की मांगों का समर्थन किया था, लेकिन वह कूच में शामिल नहीं हुए और पुलिस के समझाने पर वापस लौट गए। बता दें कि सिपाहियों की मांग को देखते हुए कैबिनेट ने कमेटी गठित की थी।इस कमेटी को ग्रेड पे मामले में रिपोर्ट देनी है, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई रिपोर्ट कमेटी की ओर से नहीं आई है। इधर, मुख्यालय ने भी इसमें एक समिति का गठन किया था। पिछले दिनों चर्चा यह भी थी कि सरकार इस मामले में बीच का रास्ता अपना सकती है।
सिपाहियों को 20 साल की सेवा के बाद 4600 की जगह 4200 ग्रेड पे के साथ सहायक सब इंस्पेक्टर का पद दे दिया जाए, लेकिन अभी तक किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा गया है।