देहरादून उत्तराखंड पुलिस की नई तबादला नीति के तहत हुये दरोगा इंस्पेक्टरों तबादलो के बाद पुलिस मुख्यालय स्तर से मांगी गई आपत्तियों का निस्तारण कर फाइल डीआईजी गढवाल दफ्तर से पुलिस मुख्यालय पंहुच गई है। सूत्रों की मानें तो किसी भी आपत्ति में कोई दम नही दिखा है। सूत्रों की मानें तो 4 इंस्पेक्टर करीब 6 सब इंस्पेक्टर्स ने अपनी अपनी अलग अलग आपत्ति दर्ज कराई थी। कुछ दरोगाओ ने सिपाहियों की डयूटी काल को अलग माना था जिसे खारिज कर दिया गया है। अब निर्णय पुलिस मुख्यालय को लेना है कि क्या वो अपनी पारदर्शी तबादला नीति को लागू कराने में सक्षम रहता है या फिर कुछ इंस्पेक्टर दरोगाओं का दबाव फिर रंग लाता है। आपको बताते चलें कि पुलिस तबादलों पर रोक का टिवट सीधे सीएम दफ्तर से कराया गया था इसके बाद सचिव गृह ने भी बिना देर किये पत्र जारी करते हुये कोविड को कारण बताते हुये ट्रांसफर पर रोक लगा दी थी। राज्य में जारी पुलिस ट्रांसफर पॉलिसी विधिवत रूप से लागू होने से पहले ही दम तोडती नजर आ रही है। ट्रांसफऱ के बाद रोक फिर पुलिस मुख्यालय का स्वयं ही आपत्ति मांगना और भी चौंकाने वाला था। जग जाहिर है कि कुछ इंस्पेक्टर व दरोगा बडी राजनीतिक पंहुच रखते है। ऐसी स्थिति पर पुलिस मुख्यालय के सीनियर अफसरो ने चिंता जताते हुये नाराजगी भी व्यक्त की थी।जानकारों की मानें तो पुलिस के निजी काम व अंदरूनी मसलो में सीधे सीधे ये राजनैतिक दखल है जो कि भविष्य के लिहाज से अच्छा नही है। सबसे ज्यादा झटका पहाड में तैनात दरोगा कोतवालों को लगा है जो कि बिना किसी पंहुच अथवा संपर्क के मैदानी जिलो में आने का ख्वाब देख रहे थे। पुलिसमहानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि कोविड के कारणों के चलते शासन स्तर से रोक है। फिलहाल कुछ कहना जल्दबाजी होगा इस पर निर्णय बाद में लिया जायेगा।
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