पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जताई तीखी प्रतिक्रिया, कहा- आंदोलनकारियों को आरक्षण के लिए सरकार बुलाएं विशेष सत्र

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देहरादून : पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण को लेकर सरकार की भूल दर भूल भारी पड़ रही है। इसका एक ही समाधान है कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर नए सिरे से कानून पारित किया जाए।

इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण देने में लग रहे अड़ंगे पर तीखी प्रतिक्रिया जताई। उन्होंने कहा कि इस आरक्षण को लेकर उस व्यक्ति को खोजना होगा, जिसके दबाव में सर्वसम्मति से पारित यह विधेयक राजभवन से पारित नहीं हो सका।

ऐसा ही मामला लोकायुक्त के चयन को लेकर भी है। इस संबंध में पत्रावली राजभवन को भेजी गई थी, लेकिन यह वहां से बाहर नहीं आ सकी। उन्होंने इस मामले में हाईकोर्ट में पैरोकारी करने वाले सरकारी तंत्र पर भी सवाल खड़े किए।

मिलम-मलारी को टनल से जोडऩे के प्रयासों को सराहा

अन्य पोस्ट में हरीश रावत ने पिथौरागढ़ जिले में मिलम और मलारी घाटी को टनल के माध्यम से जोडऩे की सरकार की कोशिश को सराहा। उन्होंने कहा कि ये घाटियां टनल से जुडऩा बड़ा वरदान होगा। ये पर्वतांचल में जीवन और यात्राओं को सुगम बनाने के लिए बहुत आवश्यक हैं। केंद्र की सहायता के बगैर यह संभव नहीं है।

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