देहरादून: भ-कानून में संशोधन पर विचार को पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में गठित समिति ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को रिपोर्ट सौंपी। इस अवसर समिति के सदस्य अजेंद्र अजय, डीएस गर्ब्याल, अरुण ढोंडियाल मौजूद थे।
दरअसर, प्रदेश के दोनों मंडलों गढ़वाल और कुमाऊं में जिलों से प्राप्त रिपोर्ट में भू-कानून में उद्योगों, शिक्षण संस्थाओं समेत विभिन्न उद्देश्यों के लिए दी गई भूमि के दुरुपयोग की बात सामने आई थी। जिसके बाद उत्तराखंड में सख्त भू-कानून की मांग उठी।
भू-कानून के परीक्षण और अध्ययन को उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है। इस समिति ने भूमि के उपयोग की व्यवस्था को सख्त बनाने पर भी मंथन किया है। वर्ष 2003 के बाद प्रदेश में भू-उपयोग में दी गई छूट का सही उपयोग नहीं होने की जिलों की रिपोर्ट के बाद समिति का ध्यान इस बिंदु पर गया।
समिति ने हिमाचल की तर्ज पर भू-कानून के साथ नियमावली बनाने की आवश्यकता पर विचार किया। भू-कानून के प्रविधानों के बारे में नियमावली में विस्तार से जानकारी ली गई। भू-कानून के उपयोग को लेकर व्याख्या की गई।