देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने शनिवार को अपने ही अंदाज में पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम बढ़ने का विरोध जताया।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इस विरोध प्रदर्शन के तहत राजपुर रोड पर कांग्रेस मुख्यालय से लेकर गांधी पार्क तक ऑटो रिक्शा को खींच कर लाए। इसके साथ गैस सिलिंडर को अपने सर पर बोझे की तरह उठाया। रावत का कहना है कि विरोध दर्ज कराने का यह उनका अपना तरीका है और उनकी ओर से किए जा रहे उपवास का हिस्सा है।
रावत ने कहा कि पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं और इस वजह से महंगाई भी तेजी के साथ बढ़ रही है। विश्व बाजार में तेल की कीमत कम होने के बाद भी सरकार पेट्रोल और डीजल के दाम को कम करने को तैयार नहीं है। केंद्र के साथ ही राज्य सरकार भी इस तरह से महंगाई को बढ़ाने में हिस्सेदार बनी हुई है।
राज्य में पेट्रोल और डीजल पर राज्य टैक्स कम करके लोगों को राहत दी जा सकती है। इससे पहले भी रावत अपनी तरह से विरोध दर्ज कराते रहे हैं। पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने के विरोध में रावत ने इससे पहले बैलगाड़ी यात्रा भी निकाली थी। इसके अलावा उन्होंने पेट्रोल पंप पर भी प्रदर्शन किया।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि गैरसैंण में बजट सत्र के दौरान ग्रामीणों पर लाठीचार्ज की घटना बेहद दुखद है। मुख्यमंत्री ने आंदोलनबाज कहकर महिलाओं और गैरसैंण की धरती का अपमान किया है।
मुख्यमंत्री को घाट जाकर माफी मांगकर सड़क निर्माण कार्य शुरू कर प्रायश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि तेल गैस के दाम हर दिन बढ़ रहे है, लेकिन सरकार महंगाई को रोकने में नाकाम साबित हुई है।
कहा कि सरकार का वित्तीय प्रबंधन छिपाने के लिए एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर केंद्र सरकार अपना खजाना भरने का काम कर रही है और गरीबों की कमर तोड़ रही है।
उन्होंने अपील की कि महंगाई को लेकर कार्यकर्ता सड़क पर उतरें और केन्द्र और राज्य सरकार की गलत नीतियों का विरोध करें।
हरीश रावत ने उत्तराखंड के बजट को ख्याली पुलाव बताया। उन्होंने कहा कि इस बजट से किसी को कोई फायदा नहीं होने वाला।