पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत का केदारनाथ में हुए विरोध का मुद्दा फिर गरमाया गया है। दून वैली महानगर उद्योग व्यापार मंडल ने डीजीपी को पत्र भेजकर केदार सभा के अध्यक्ष सहित एक दर्जन तीर्थ पुरोहितों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। व्यापार मंडल ने इसे धार्मिक अधिकारों का हनन करार दिया है। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत को प्रधानमंत्री दौरे से ठीक पहले केदारनाथ दौरे में तीर्थ पुरोहितों के तीव्र विरोध का सामना करना पड़ा था। तीर्थ पुरोहितों के आक्रोश के चलते त्रिवेंद्र बिना दर्शन किए ही वापस लौट गए थे।
कुछ दिन शांत रहने के बाद यह मुद्दा अब एक बार फिर गरमा गया है। दून वैली महानगर उद्योग व्यापार मंडल ने इस मामले में डीजीपी अशोक कुमार को शिकायत पत्र भेजा है। जिसमें कहा गया है कि पंडों ने राजनैतिक षडयंत्र के तहत त्रिवेंद्र को केदारनाथ धाम में दर्शन से रोका, इससे त्रिवेंद्र के मूल अधिकारों का हनन हुआ है, साथ ही अन्य लोगों की भावनाएं भी आहत हुई हैं। व्यापार मंडल ने अपने पत्र में तीर्थ पुरोहितों को अपराधी और अभियुक्त लिखते हुए, कड़ी कार्यवाही की मांग की गई है।
दून वैली महानगर उद्योग व्यापार मंडल के पत्र में केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला के साथ ही लक्ष्मी नारायण जुगराण, कुबेर नाथ पोश्ती, राजकुमार तिवारी, सतोष त्रिवेदी, उमेश चंद्र पोश्ती, चंडी प्रसाद तिवारी, तेज प्रकाश, बृज बल्लभ बग्वाड़ी, आनंद सेमवाल, रोशन द्विवेदी, अंकित सेमवाल, नवीन शुल्का पर त्रिवेंद्र को दर्शन से रोकने, उनके साथ अभद्रता करने और डंडा मारने का आरोप लगाया गया है। पत्र में व्यापार मंडल के अध्यक्ष पंकज मैसोन, महासचिव पंकज डीडान और युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष मनन आनंद के हस्ताक्षर किए गए हैं। इसी तरह की शिकायत एडवोकेट कुल भूषण गुंसाईं और आशीष गुप्ता की ओर से भी की गई है।