उत्तराखंड सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के उस सुझाव को ठुकरा दिया है, जिसमें उन्होंने चारधाम यात्रा व पर्यटन गतिविधियों को टीकाकरण करा चुके तीर्थयात्रियों व पर्यटकों के लिए खोले जाने की वकालत की है। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने पत्र में लिखा कि प्रदेश सरकार को चारधाम यात्रा शुरू करने के लिए सभी तीर्थ यात्रियों, होटल व परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों का टीकाकरण कर लिया जाए। जिनका टीकाकरण पूरा हो चुका है, उन्हें ही उत्तराखंड में यात्रा एवं पर्यटन की अनुमति दी जाए। इससे संबंधित सभी प्रदेशवासियों की आजीविका भी दोबारा शुरू हो सकेगी। प्रदेश को राजस्व भी मिलेगा। सुझावों के समर्थन में रविवार को त्रिवेंद्र बयान भी दिया। उधर, तीरथ सरकार के शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने यह कहकर पूर्व मुख्यमंत्री के सुझाव को फिलहाल मानने से इनकार कर दिया कि अभी यह संभव नहीं हैं। उन्होंने कहा कि टीकाकरण करा चुके लोग भी कोरोना संक्रमण की वजह बन सकते हैं। बेशक यात्रा के दौरान उत्तराखंड आने वाले लोगों को कोई खतरा नहीं हो, लेकिन वे कोराना फैलने की वजह बन सकते हैं। ऐसे में स्थानीय स्तर पर संक्रमण का खतरा हो सकता है। उनियाल के मुताबिक, सरकार चारधाम यात्रा शुरू न हो पाने को लेकर चिंतित है लेकिन उसकी सबसे बड़ी चिंता लोगों की सेहत को लेकर है। उसे सुरक्षित बनाना सरकार का सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसलिए उत्तराखंड से बाहर से आने वाले लोगों के 72 घंटे की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य है।
विधानसभा अध्यक्ष को दी नसीहत
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल नेपाली टोल फार्म प्लाजा को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा पूर्व मुख्यमंत्री ने यह निर्णय लेने के दौरान उनको विश्वास में नही लिया था। जबकि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि होने नाते उनसे राय मशविरा करना चाहिए था। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कंपनियां बिल्ड एंड ऑपरेट की नीति के अनुसार लोन लेकर हाईवे और फ्लाईओवर का निर्माण कर रही हैं। लोगों को सुविधा के साथ बदहाल सड़कों से होने वाली परेशानी से निजात मिल रही है। अगर ऐसे में कंपनी सुविधाओं के लिए शुल्क ले रही है इसमें बुराई क्या है।
फैसले पलटने पर बयान देने से बचे
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पत्रकारों को अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाई। इस पत्रकारों ने कहा तीरथ सिंह रावत सरकार तो आपकेे फैसले बदल रही है। इस सवाल पर त्रिवेंद्र सिंह रावत बचते हुए नजर आए। उन्होंने कहा कि यह हमारे बीच का मामला है।