पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने छावाला प्रकरण और अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में केंद्र व राज्य सरकार पर लचर पैरवी का आरोप लगाया है। शीघ्र ही दोनों मामलों को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू से मिलेगा।
नई दिल्ली स्थित प्रेस क्लब में प्रवासी उत्तराखंडयों की एक बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम रावत ने कहा कि दोनों ही मामलों में सरकारों का अब तक का रवैया बेहद निराशाजनक रहा है। हरीश रावत ने उत्तराखंड से चुने सांसदों से आठ दिसंबर से शुरू हो रहे संसद सत्र में इन मामलों को उठाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि उनका मूकदर्शक बने रहना, उत्तराखंड की जनता के लिए चिंता का विषय बन गया है।
पूर्व सीएम ने राज्य विधानसभा का सत्र मात्र दो दिनों में समाप्त करने पर इसे सरकार की विफलता बताया है। उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं के साथ हो रही घटनाओं पर सरकार को जवाब नहीं देना पड़े, इसलिए पांच दिन के सत्र को दो दिन में निपटा दिया गया।
बैठक में प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप, राष्ट्रीय संयुक्त सचिव हरिपाल रावत, उत्तराखंड जनता संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देव सिंह रावत, कुशाल जीना, सुनील कुमार, प्रमोद शर्मा, देवेंद्र सिंह रावत, श्रीकांत भाटिया, अनिल पंत आदि शामिल थे।