हल्द्वानी। पूर्व सीएम व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने इंटरनेट मीडिया पर विरोधियों पर कटाक्ष करते हुए उन्हेंं राजनीति के उज्याड़ू जानवर कहा है। हरदा ने फेसबुक पर लिखा कि जंगली-सूअर और बानर खेत-खलिहान उजाड़कर जैसे हमारी मेहनत पर पानी फेरते हैं, वैसे ही कुछ लोग अपने कामों से मेहनती युवाओं, महिलाओं व बुजुर्गों के सपनों को उज्याड़ रहे हैं। उत्तराखंड व उत्तराखंडियत को बचाने के लिए उज्याड़ू राजनीतिक जानवरों को भगाना होगा।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की तैयारियों से ठीक पहले नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश के निधन से कांग्रेस को बड़ी क्षति पहुंची है। प्रीतम, इंदिरा व हरीश रावत पर चुनावी दारोमदार था। हालांकि, सत्ता में वापसी को लेकर कांग्रेस चूकना नहीं चाहती। नए नेता प्रतिपक्ष के चयन के बाद मोर्चा संभलेगा। संभावना है कि जल्द हरीश रावत को चुनाव के लिए नई जिम्मेदारी मिल सकती है। फिलहाल हरदा अपने अंदाज में इंटरनेट मीडिया पर सरकार की नीतियों की आलोचना करने के साथ अपने कार्यकाल में शुरू योजनाओं के बहाने घेराबंदी में जुटे हैं।
भरी दोपहरी कत्ल कर दिया
पूर्व हरीश रावत ने एक और पोस्ट के जरिये कहा कि मेरा गांव-मेरी सड़क योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में सड़क संपर्क बढ़ाने का प्रयास किया था। हर ब्लॉक में एक साल में तीन सड़क बननी थीं। योजना के सफल होने पर जिला पंचायत सदस्यों के आग्रह पर एक सड़क और जोड़ दी, मगर भाजपा ने इस योजना को बंद कर दिया। तब तक 250 से ज्यादा सड़क बन चुकी थी। आज जब मैं देख रहा हूं कि 1-2 किमी की सड़क को गांव की मुख्य सड़क से जोडऩे के लिए लोग श्रमदान कर रहे हैं तो मुझे मेरा गांव-मेरी सड़क योजना की बहुत याद आ रही है। जिसकी भाजपा सरकार ने ठीक भरी दोपहरी में कत्ल कर दिया।