पूर्व सीएम हरीश रावत ने मौन उपवास रख सरकार को घेरा,बेरोजगारी सहित पर ये जड़े आरोप

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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत से के विरोध में मौन उपवास रख विरोध दर्ज कराया है। कहा कि सरकार किसानों के हित में कोई कदम नहीं उठा रही है। सरकार से खनन जैसे विषयों को छोड़कर युवाओं के रोजगार पर ध्यान देने की बात कही है। सरकार पर बेरोजगारों पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए रावत सोमवार का मौन उपवास पर बैठ गए। कहा कि भाजपा सरकार बेरोजगारों को रोजगार देने में विफल साबित हुई है। हरीश रावत ने सहायक लेखाकार भर्ती परीक्षा को रद्द करने पर सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सीएम पुष्कर  सिंह धामी से इस मामले का हल निकालने का अनुरोध किया है।

रावत ने कहा कि सरकार युवाओं के हित के बजाय खनन पर ज्यादा ध्यान दे रही है। रावत ने कहा कि सहायक लेखाकार भर्ती परीक्षा में एक दागी कंपनी से परीक्षा कराने का आरोप है। इस में धांधली की बातें भी सामने आ रही है। इनके विरोध में बीते रोज अभ्यर्थियों ने सीएम आवास कूच भी किया। बेरोजगारों की व्यथा यह है कि परीक्षा में ऐसे सवाल दिए गए जिससे उनके अब तक के अध्ययन से कोई मतलब ही नहीं है।बकौल रावत सरकार की नीति परीक्षाएं कराओ और उन्हें उलझा दो हो गई है। इससे नियुक्तियों का नाटक भी हो जाएगा और नियुक्तियां करनी भी नहीं पड़ेंगी। रावत ने कहा कि वो सहायक लेखाकार परीक्षा के अभ्यर्थियों की पीड़ा के साथ हैं। सीएम को अभ्यर्थियों की पीड़ा को समझना चाहिए और समस्या का हल भी निकालना चाहिए।

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