प्यार में टूटकर बहुत से आशिक बिखर जाते हैं। देहरादून के 21 वर्षीय दिव्यांशु बत्रा भी टूट गए थे। लेकिन जल्द ही उन्होंने खुद को संभाल लिया। दिव्यांशु 6 महीनों तक डिप्रेस्ड रहे और ज्यादा से ज्यादा पबजी खेलने लगे। लेकिन एक दिन उन्होंने फैसला किया कि वो अब ऐसे नहीं जीयेंगे और एक कैफे खोल लिया और उसका नाम रख दिया “दिल टूटा आशिक कैफे” इस नाम को देखकर लोग यहां आ रहे हैं।आजकल ये कैफ़े लोगों के आकर्षण का कारण बना हुआ है।मीडिया में भी ये खूब सुर्खियां बटोर रहा है लोग दूर दूर से उनके कैफ़े में पहुँच रहे हैं।ये युवक कैफ़े में आ रहे लोगों से अपने अनुभव भी साझा कर रहा है।
राजधानी देहरादून में इन दिनों खुला एक टूटा दिल आशिक ने चाय वाला के नाम से कैफे खोला है जो कि इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है और मीडिया की सुर्खियां बटोर रहा है दरअसल में प्यार में सफलता नही मिली तो आशिक ने राजधानी देहरादून के जीएमएस रोड पर स्थित है कैफे खोल दिया है। और इस कैफे का नाम रख दिया “दिल टूटा आशिक कैफ़े”बस फिर क्या था देखते ही देखते लोगों में ये नाम चर्चा का विषय बन गया और बड़ी सँख्या में लोग यहां आने लग गये।
कैफे चलाने वाले कि जब से उन्होंने कैफे खोला है कही दिल्ल तोड़ आशिक उनके कैफे पर चाय की चुसकियों के साथ अपने मन की बात बताते है दिव्यांशु ने कहा कि लोग अपने गम को ताजा करते साथ ही उन्होंने कहा कि यूथ भी लगातार आ रहे हैं हालांकि दिव्यांशु मानते हैं कि उनके माॅता पिता का उनके साथ पूरा सहयोग रहा है हालंकि उनके पिता शुरू में डर रहे थे लेकिन अब वो भी खुश है साथ ही उन्होंने यूथ से अग्रह भी किया है कि वो यदी कभी प्यार में धोखा खाते है तो वो दुखी ना हो बल्कि जीवन को एक नया रास्ता तलाशे।