पदोन्नति और यात्रा अवकाश बहाल करने सहित 35 सूत्री मांगों के लिए आंदोलनरत शिक्षकों ने निदेशालय में तालाबंदी शुरू कर दी है। वहीं शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी के मुताबिक, काम करने से रोकने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
उधर, शिक्षकों का कहना है, वे किसी भी कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं। राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा, देखना यह है कि विभाग कितने शिक्षकों पर कार्रवाई करता है। एक भी शिक्षक पर कार्रवाई हुई तो राज्य के सभी स्कूल बंद कर दिए जाएंगे।
राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष के मुताबिक, संगठन से जुड़े शिक्षकों की मांगों के लिए विभाग के मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में सहमति बनी थी, इसके बाद भी इस पर अमल नहीं हुआ। इससे प्रदेशभर के शिक्षकों में नाराजगी है। प्रदेश के कई जिलों के शिक्षक सोमवार को सुबह शिक्षा निदेशालय पहुंचकर तालाबंदी करेंगे।
कार्रवाई झेलने के लिए तैयार
कहा, जो विभाग की किसी भी तरह की कार्रवाई झेलने के लिए तैयार हैं। संगठन के प्रांतीय महामंत्री रमेश चंद्र पैन्युली बताते हैं कि चार अगस्त को विभाग के साथ जो समझौता हुआ था। उसके मुताबिक एक भी शासनादेश नहीं हुआ। शिक्षक अब तक शांतिपूर्वक तरीके से आंदोलन करते आए हैं। यदि विभाग ने किसी शिक्षक के खिलाफ उत्पीड़न की कार्रवाई की तो शिक्षक उग्र आंदोलन करेंगे। उधर, शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत शिक्षकों की मांगों के संबंध में फिलहाल कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।
विभाग शिक्षकों की मांगों के प्रति गंभीर है, उनकी पदोन्नति का मामला कोर्ट में है। पदोन्नति से रोक हटे इसके लिए शासन की ओर से ट्रिब्यूनल में शपथपत्र दाखिल किया जा रहा है। सहायक अध्यापक एलटी के अंतरमंडलीय तबादलों के मामले में कार्मिक विभाग से रोक है। जल्द ही विभागीय मंत्री की अध्यक्षता में बैठक कर इस मसले को सुलझा लिया जाएगा। -बंशीधर तिवारी, शिक्षा महानिदेशक
शिक्षकों की कुछ प्रमुख मांगे
प्रधानाचार्य के शत प्रतिशत पदों को पदोन्नति से भरा जाए।
पुरानी पेंशन बहाल की जाए।
वेतन विसंगति को दूर किया जाए।
सीबीएसई से संबद्ध अटल उत्कृष्ट विद्यालयों को उत्तराखंड बोर्ड से संबद्ध किया जाए।