देहरादून। प्रदेश में सुरक्षित सफर का रोडमैप तैयार कर सरकार ने हर जिले में आटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक और फिटनेस स्टेशन बनाने का निर्णय लिया है। इससे ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वालों को आटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर वाहन चलाकर दक्षता साबित करनी होगी, जबकि वाहनों की फिटनेस जांच आटोमेटेड फिटनेस स्टेशन पर होगी।
ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक और फिटनेस स्टेशन के लिए 34 करोड़
अभी तक केवल देहरादून शहर में ही ड्राइविंग लाइसेंस का टेस्ट आटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर होता है। सरकार ने हर जिले में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक और फिटनेस स्टेशन बनाने को बजट में 34 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। परिवहन सेवा, सुविधा व सुरक्षा के लिए सरकार ने कुल 432.72 करोड़ रुपये के बजट का प्रविधान किया है।
आरटीओ कार्यालय में बनेंगे आटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक
उत्तराखंड में वर्ष-दर-वर्ष बढ़ रही सड़क दुर्घटना को लेकर राज्य सरकार चिंतित नजर आ रही है। इसी क्रम में वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में सरकार ने सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है। इसके तहत बिना दक्षता साबित किए ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने की प्रकिया पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए सरकार हर आरटीओ व एआरटीओ कार्यालय में आटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बनाने जा रही है। सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत देहरादून शहर के लिए झाझरा में वर्ष-2018 में इंस्टीट्यूट आफ ड्राइविंग एंड ट्रेनिंग रिसर्च की शुरुआत की थी।
माइक्रो साफ्ट कंपनी ने बनाया साफ्टवेयर
सरकार ने लापरवाही से होने वाली दुर्घटना पर नियंत्रण के लिए आटोमेटेड ड्राइविंग ट्रेस्टिंग ट्रैक बनाने का जो निर्णय लिया है, उसके लिए माइक्रो साफ्ट कंपनी से करार किया है। कंपनी ने इसके लिए ‘हारनेशिंग आटोमोबाइल फार सेफ्टी’ साफ्टवेयर तैयार किया है। इसी साफ्टवेयर से चालकों की परीक्षा सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में होगी।
ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के लिए 60 लाख
सरकार ने प्रदेश में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने का निर्णय भी लिया है। इसके लिए कुल 60 लाख रुपये का प्रविधान किया गया है। यहां ट्रेनिंग लेने के बाद प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा।