प्रदेश में ब्लैक फंगस के छह नए मरीज।

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उत्तराखंड में शुक्रवार को देहरादून और नैनीताल जिले में ब्लैक फंगस के छह और मरीज मिले हैं। अब तक ब्लैक फंगस संक्रमित मरीजों की संख्या 161 हो गई है। जबकि 14 मरीजों की मौत हो चुकी है। 13 मरीज स्वस्थ हुए हैं। वहीं, शुक्रवार को हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में ब्लैक फंगस के एक संदिग्ध मरीज की मौत भी हुई है।

प्रदेश में ब्लैक फंगस के मामले देहरादून, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिले में मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक शुक्रवार को देहरादून जिले में पांच और नैनीताल जिले में एक मरीज में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है। कोरोना संक्रमण के साथ ब्लैक फंगस का खतरा लगातार बना हुआ है।प्रदेश में एम्स ऋषिकेश, जेएलएन जिला अस्पताल रुद्रपुर, सिटी हार्ट हॉस्पिटल, मैक्स हॉस्पिटल, दून मेडिकल कॉलेज, श्री महंत इंदिरेश हॉस्पिटल, हिमालयन हॉस्पिटल, आरोग्य धाम हॉस्पिटल, कृष्णा हॉस्पिटल, सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज, तिवारी नर्सिंग होम में 161 ब्लैक फंगस मरीजों का उपचार किया जा रहा है। जबकि 13 मरीज ठीक हो चुके हैं। देहरादून जिले में सबसे ज्यादा 153 मामले, नैनीताल जिले में सात और ऊधमसिंह नगर जिले में ब्लैक फंगस का एक मामला है।

आयुष्मान कार्ड पर ब्लैक फंगस का कैशलेस इलाज करने के आदेश

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण(एनएचए) और सरकार की ओर से अभी तक ब्लैक फंगस को आयुष्मान योजना में दायरे में नहीं लगाया गया और न ही इलाज की दरें तय की गई। लेकिन, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीजों की जान बचाने के लिए आयुष्मान कार्ड धारकों को कैशलेस इलाज करने के आदेश जारी किए हैं। इस संबंध में ब्लैक फंगस के इलाज के लिए अधिकृत सूचीबद्व निजी अस्पतालों को दिशानिर्देश दिए गए हैं। सरकार व एनएचए की तरफ से इलाज की दरें व गाइडलाइन जारी होने तक प्राधिकरण के आदेश लागू रहेंगे।

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने आयुष्मान भारत, राज्य आयुष्मान और राज्य स्वास्थ्य योजना के तहत कार्ड धारकों को ब्लैक फंगस का कैशलेस उपचार करने के लिए अंतरित व्यवस्था की गई है। आयुष्मान योजना में कोरोना के इलाज का पैकेज शामिल है, लेकिन अभी तक ब्लैक फंगस का इलाज आयुष्मान के दायरे में शामिल नहीं है। इसे देखते हुए प्राधिकरण ने सरकार की ओर से ब्लैक फंगस इलाज के लिए अधिकृत सूचीबद्ध अस्पतालों को अंतरित व्यवस्था के रूप में कैशलेस इलाज के आदेश दिए गए।

अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीज में यदि ब्लैक फंगस पाया जाता है तो उसे उपचार तो कोरोना पैकेज में मिलेगा, लेकिन दवाईयों व इंजेक्शन को अन स्पेसिफाइड (अनिर्दिष्ट) पैकेज में शामिल कर क्लेम किया जाएगा। कोरोना संक्रमण से ठीक हुए मरीज में ब्लैक फंगस मिला है तो उसे अस्पताल में भर्ती किया जाएगा और इलाज का क्लेम अन स्पेसिफाइड में किया जाएगा। कोटिया ने बताया कि जब तक एनएचए और सरकार की ओर से आयुष्मान योजना में ब्लैक फंगस के इलाज की दरें और दिशानिर्देश जारी नहीं किए जाते हैं तब तक प्राधिकरण के अंतरिम व्यवस्था के आदेश लागू रहेंगे।

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