एम्स ऋषिकेश में अब तक ब्लैक फंगस के 46 मरीज मिले हैं। इनमें तीन की मौत हो चुकी है। जबकि एक मरीज को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किया गया था।
उत्तराखंड में ब्लैक फंगस जानलेवा होता जा रहा है। ब्लैक फंगस से प्रदेश में मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। अल्मोड़ा बेस अस्पताल में ब्लैक फंगस के संदिग्ध लक्षण मिलने के बाद एक 69 वर्षीय मरीज को एसटीएस हल्द्वानी रेफर किया था। यहां से मरीज को एम्स ऋषिकेश भेज दिया गया।एम्स में जांच के दौरान मरीज में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई। जिसके बाद मरीज को ब्लैक फंगस केयर वार्ड में भर्ती किया गया, लेकिन चिकित्सकों के तमाम प्रयासों के बाद मरीज ने बुधवार देर रात को दम तोड़ दिया। यह ब्लैक फंगस से प्रदेश में तीसरी मौत है। वहीं, बुधवार को सितारगंज के एक ब्लैक फंगस से संदिग्ध मरीज की भी मौत हो चुकी है।
एम्स ऋषिकेश के ईएनटी विभाग के डॉ. अमित त्यागी ने बताया कि संस्थान में ब्लैक फंगस के अब तक 46 केस मिल चुके हैं। इनमें से उत्तराखंड के दो और उत्तरप्रदेश के मरीज की मौत हुई है। एक 81 वर्षीय महिला को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किया गया था। वहीं, अभी 42 मरीज भर्ती हैं।