विशेष सहायता योजना के तहत उत्तराखंड में चल रहे सड़कों के कार्यों की गुणवत्ता की जांच होगी। सचिव (लोनिवि) आरके सुधांशु ने जांच के लिए पांच टीमों का गठन कर दिया है। ये टीमें सड़कों पर चल रहे कार्यों का हर सप्ताह रैंडम जांच सैंपल लेंगी। उनकी कुआंवाला स्थित प्रयोगशाला में जांच होगी। मुख्य अभियंता (गुणवत्ता नियंत्रण) इनकी जांच रिपोर्ट प्रमुख अभियंता के माध्यम से शासन को उपलब्ध कराएंगे।
पिछले महीने प्रदेश सरकार ने पूंजीगत खर्च के लिए विशेष योजना में 99 सड़कों के चालू कार्यों व अन्य सड़क योजनाओं के लिए 305.90 करोड़ रुपये जारी किए थे। 67.43 करोड़ 25 चालू कार्यों के लिए जबकि 238.47 करोड़ 74 कार्यों के लिए जारी हुए थे। इन सड़कों के कार्यों की गुणवत्ता के लिए जांच के लिए टीमों का गठन किया गया है। इन टीमों में प्रमुख अभियंता कार्यालय के नियोजन, गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ व शोध प्रकोष्ठ में तैनात अभियंताओं को शामिल किया गया है। जांच के दौरान संयुक्त रूप से वाहन किराये पर लेने की अनुमति भी दी गई है।
ये पांच टीमें गठित
1. चमोली, रुद्रप्रयागए पौड़ी : इस टीम में गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ के अधिशासी अभियंता आरके जैन, विनोद कुमार व सहायक अभियंता कीर्तिवर्धन नेगी हैं।
2. उत्तरकाशी व टिहरी : इन दो जिलों में कार्यवाह अधीक्षण अभियंता धनसिंह कुटियाल व अधिशासी अभियंता आरपी सिंह।
3. नैनीताल, यूएसनगर व चंपावत : इन तीन जिलों में प्रभारी अधीक्षण अभियंता पीएस नबियाल व एई शिवा।
4. पिथौरागढ़, अल्मोड़ा व बागेश्वर : प्रभारी एसई राजेंद्र सिंह सयाना, एई योगेश मनराल और दीपक नेगी।
5. देहरादून व हरिद्वार : रिसर्च सेल की अधिशासी अभियंता रचना थपलियाल, एई दिशा जोशी व सरिता वुदियाल शामिल हैं।
जांच के दौरान ये टीमों को ये देखना होगा : डिजाइन के अनुरूप जॉब मिक्स फार्मूला। उसके अनुसार एग्रीगेट ग्रेडिंग, बिटुमि न कंटेंट, डेंसिटी व मानकों के अनुरूप कार्य की मोटाई।