देहरादून। उत्तराखंड पावर इंजीनियर एसोसिएशन लंबे समय से डंप पड़े प्रमोशन को लेकर नए सिरे से शासन पर दबाव तेज करेंगे। एसोसिएशन के चार मई को होने वाले अधिवेशन में शासन, प्रबंधन पर मांगों के निस्तारण को दबाव न बनाया जाएगा।
एसोसिएशन के अध्यक्ष कार्तिकेय दुबे और महासचिव अमित रंजन ने बताया के लंबे समय से उर्जा निगमों में प्रमोशन से जुड़े प्रकरणों को ठंडे बस्ते में डाल कर रखा हुआ है। वरिष्ठता विवादों को उलझाया जा रहा है। नियमों को ताक पर रख कर नए नियमों का उल्लेख किया जा रहा है । ऐसा कर इंजीनियरों को प्रमोशन से वंचित रखा जा रहा है। कहा कि उर्जा निगम में बड़ी संख्या में अधिशासी अभियंता, अधीक्षण अभियंता के पद खाली पड़े हैं। बेवजह इन पदों पर प्रमोशन लटकाए जा रहे हैं।
कहा कि एसोसिएशन में पावर सेक्टर के निजीकरण को लेकर की जा रही तैयारियों का भी पुरजोर विरोध किया जाएगा। केंद्र सरकार के स्तर जहां एक्ट में संशोधन का निजीकरण के लिए दरवाजे खोले जा रहे हैं। वहीं राज्य में भी एक के बाद एक सब स्टेशन, बिजली घरों, लाइन मेंटनेंस के काम निजी हाथों में सौंप कर बैकडोर से निजीकरण के दरवाजे खोल दिए गए हैं। इसका भी पुरजोर विरोध होगा। एसोसिएशन की नई कार्यकारिणी का भी गठन किया जाएगा।