देहरादून। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के छह दिन बाद भी प्रमोशन पर लगी रोक न हटाए जाने से नाराज जनरल ओबीसी कर्मचारियों ने सामूहिक कार्य बहिष्कार कर विरोध जताया। जिससे उत्तराखंड राज्य सचिवालय से लेकर राजधानी से लेकर जनपद मुख्यालयों में स्थित सरकारी कार्यालय में शुक्रवार को कामकाज ठप रहा।
आंदोलन का नेतृत्व कर रही उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के आह्वान पर कई कर्मचारी संघों और परिसंघों ने अपने स्तर पर कर्मचारियों से कार्य बहिष्कार कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर भाग लेने की अपील की।
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी के अनुसार,‘सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद प्रदेश सरकार को तत्काल प्रमोशन से रोक हटा देनी चाहिए थी। लेकिन प्रमोशन में आरक्षण के मसले का राजनीतिकरण किया जा रहा है, जिससे प्रदेश का कर्मचारी तबका बेहद नाराज और दुखी है।’
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आए एक हफ्ता हो गया है। जैसे-जैसे फैसले के आलोक में प्रमोशन से रोक हटाने का फैसला लेने में देरी हो रही है, जनरल ओबीसी कर्मचारियों का धैर्य जवाब दे रहा है। यही वजह है कि अब उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के अलावा अन्य कर्मचारी संघ भी आंदोलन में कूद गए हैं।
कार्य बहिष्कार कर परेड ग्राउंड में जुटे कर्मचारी
उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के अनुसार, राज्य सचिवालय व राजधानी स्थित सभी विभागों के कर्मचारी कार्य बहिष्कार करेंगे और परेड मैदान में जुटे। यहां से कर्मचारियों ने सचिवालय कूच किया।
ये संठन हुए शामिल
उत्तरांचल फेडरेशन आफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन, उत्तराखंड पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन, उत्तराखंड सचिवालय जनरल ओबीसी अधिकारी संयोजक मंडल, राज्य निगम कर्मचारी अधिकारी महासंघ, उत्तराखंड मातृ, शिशु एवं परिवार कल्याण महिला कर्मचारी संघ
एसोसिएशन के उच्चाधिकार प्राप्त संयोजक मंडल, मुख्य संयोजक, संयोजक सचिव, जिला संयोजकों, अध्यक्षों व महासचिवों ने फैसला लिया है जब तक सरकार व्यवस्था चालू नहीं करती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
– दीपक जोशी, अध्यक्ष, उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद प्रमोशन पर रोक लगाए रखने का कोई औचित्य नहीं है। परिषद प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ आंदोलन का समर्थन करती है। आंदोलन जारी रहेगा।
– अरुण पांडेय, कार्यकारी महामंत्री, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद