देहरादून। उत्तराखंड सरकार प्रमोशन से रोक हटाने को लेकर आज कोई फैसला ले सकती है। लेकिन यह कर्मचारियों की बेमियादी हड़ताल पर निर्भर करेगा। ऐसे संकेत हैं कि यदि कर्मचारी हड़ताल तोड़कर काम पर लौटेंगे, तो सरकार प्रमोशन पर लगी रोक के बारे में फैसला ले सकती है। बहरहाल, बेमियादी हड़ताल के 15वें दिन गतिरोध टूटता नजर आ रहा है।
मुख्यमंत्री ने प्रमोशन पर रोक के मसले पर राज्य निगम कर्मचारी अधिकारी महासंघ से वार्ता की। उन्होंने मुख्य सचिव को इस संबंध में बैठक करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने बुधवार को महासंघ के नेताओं के साथ बैठक प्रस्तावित होने की पुष्टि की है।
महासंघ ने मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर बुधवार से उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन की बेमियादी हड़ताल में शामिल होने की चेतावनी दी थी। सोमवार को इस संबंध में महासंघ की ओर से मुख्य सचिव को एक पत्र भी सौंपा गया था।
महासंघ के प्रदेश महासचिव बीएस रावत के मुताबिक, मंगलवार को महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गोसाईं व उनके नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की। सीएम से मुलाकात की और प्रमोशन से रोक हटाने का अनुरोध किया।
सीएम ने दूरभाष पर मुख्य सचिव को मांग के संबंध में महासंघ से वार्ता करने के निर्देश दिए। इसके बाद अपर सचिव मुख्यमंत्री सुरेश चंद्र जोशी ने मुख्यमंत्री के निर्देश के क्रम में पत्र जारी किया।
पत्र में महासंघ के छह पदाधिकारियों के साथ मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बुधवार को बैठक करने और अपर मुख्य सचिव कार्मिक को बैठक में शामिल होने के बारे में जानकारी दी गई। महासंघ के प्रदेश महामंत्री के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया है कि प्रमोशन से रोक हटा दी जाएगी।
महासंघ के नेताओं ने हमसे मिलने का समय मांगा था। हमने उनको समय दिया। उनकी बात सुनी जाएगी। सुनने के बाद सरकार को इसकी जानकारी दी जाएगी। – उत्पल कुमार सिंह मुख्य सचिव
पहले दिन उड़ी आदेश की धज्जी, परेड मैदान में जुटे हड़ताली कर्मचारी
कोरोना वायरस से बचाव को लेकर 50 से अधिक लोगों की भीड़ पर रोक लगाने के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए सैकड़ों जनरल ओबीसी कर्मचारियों ने परेड मैदान में जोरदार नारेबाजी के बीच प्रदर्शन किया।
इस दौरान बीच बीच में पुलिस की ओर से धरना स्थल के आसपास प्रशासन ने मुनादी कर 50 से अधिक लोगों की भीड़ जुटने पर कार्रवाई की चेतावनी भी जारी की। लेकिन मुनादी से बेपरवाह कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन जारी रखा और प्रदेश में बिजली, पानी, बस सेवाएं ठप कर देने की चेतावनी दी।
उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी ने एलान किया कि मांग पूरी हुए बिना उनका आंदोलन न तो स्थगित होगा न रुकेगा। कोरोना को लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति ने एहतियात के तौर पर प्रदेश में 50 से अधिक लोगों के एकसाथ जुटने पर रोक लगाने का फैसला किया था।
इस संबंध में जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए थे। माना जा रहा था कि जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन की हड़ताल पर समिति के इस आदेश का असर होगा। लेकिन पहले ही दिन परेड मैदान में बड़ी संख्या में जुटकर जनरल ओबीसी कर्मचारियों ने सरकार के आदेश की हवा निकाल दी।
कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए कर्मचारी मुंह पर मास्क लगाकर धरना स्थल पर पहुंचे। इनमें कई कर्मचारी अपने परिवार के सदस्यों के साथ धरने में शामिल हुए। राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री सोहन सिंह माजिला ने घोषणा की कि प्रदेश का शिक्षक आंदोलन में पूरी तरह से शामिल है। आयोजित सभा की अध्यक्षता निगम महासंघ के प्रांतीय महासचिव सूर्य प्रकाश राणाकोटी ने की। संचालन प्रांतीय कोषाध्यक्ष सीएल असवाल किया।
भाजपा विधायकों का समर्थन जारी
भाजपा विधायकों के समर्थन का सिलसिला जारी है। मंगलवार को भाजपा विधायक विनोद कंडारी, भरत चैधरी और केदार सिंह रावत ने भी जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के आंदोलन का समर्थन किया।
इसके साथ ही उनके पक्ष में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में सरकार से निर्णय लेने का अनुरोध किया। उनसे पहले भी भाजपा कई विधायक सीएम को पत्र लिख चुके हैं।
नवीं की छात्रा यशस्वी ने आरक्षण पर किया प्रहार
धरना स्थल पर परिवार के साथ पहुंची नवीं कक्षा की छात्रा यशस्वी सेमवाल ने आरक्षण पर प्रहार किया। उसने कहा कि माइनस अंक पाने वाले आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवार का चयन एवं प्रतिभाशाली को बाहर का रास्ता दिखाना समानता के अधिकार का हनन है।