प्राइमरी स्कूलों की परीक्षा टालने को हुए मजबूर, तेंदुए के हमलों से स्थानीय लोगों में भय और गुस्सा

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देहरादून: उत्तराखंड के टिहरी के भिलंगना ब्लॉक में पिछले चार महीनों में कथित तौर पर एक तेंदुए ने तीन बच्चों को मार दिया है। इस प्रकार की घटना के बाद चार प्राथमिक स्कूल बंद कर दिए गए हैं। मध्यावधि परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। यह फैसला शनिवार को तेंदुए के ताजा हमले के बाद आया है, जिसमें एक 13 वर्षीय लड़की अपने घर के पास खेलते समय मारी गई थी। सोमवार को शुरू होने वाली परीक्षाएं एहतियात के तौर पर स्थगित कर दी गई हैं।

महारागांव की 13 वर्षीय छात्रा साक्षी पर स्कूल से लौटने के तुरंत बाद तेंदुए ने हमला कर मार दिया गया। वह अपना बैग घर पर रखकर अपने भाई के साथ खेलने के लिए बाहर गई थी। बाद में उसका शव पास की झाड़ी में मिला। यह हमला जुलाई में भोड़गांव में नौ वर्षीय लड़की और पिछले महीने पुरवालगांव में तीन वर्षीय लड़के की मौत के बाद हुआ है।

शिक्षा अधिकारी ने दी जानकारी
टिहरी के शिक्षा अधिकारी एसपी सेमवाल ने कहा कि तेंदुए के खतरे से क्षेत्र के मुक्त होने के बाद ही दोबारा परीक्षा की स्थिति स्पष्ट होगी। भिलंगना के खंड शिक्षा अधिकारी सुमेर कैंतुरा ने कहा कि भोड़गांव, पुरवालगांव, महरगांव और अंथवालगांव के चार प्राथमिक विद्यालयों में बुधवार तक की सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। उन्हें पुनर्निर्धारित किया जाएगा।

सुमेर कैंतुरा ने कहा कि मृतक लड़की अंथवालगांव के एक हाई स्कूल में छात्रा थी, जहां वन विभाग ने छात्रों को लाने-ले जाने के लिए एक बस तैनात की है। यह निर्णय इसलिए लिया गया है कि परीक्षाएं सुचारू रूप से हो सकें।

स्थानीय लोगों में भय, गुस्सा
भेड़िए के हमलों ने स्थानीय लोगों में भय और गुस्सा पैदा कर दिया है। पुरवालगांव के ग्राम प्रधान संजय तिवारी ने कहा कि ये गांव सिर्फ 5-6 किलोमीटर की दूरी पर हैं। हम जल्द से जल्द इस समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं, क्योंकि यह हमारे दैनिक जीवन को प्रभावित कर रही है।

वन विभाग ने की तैयारी
वन विभाग ने तेंदुए के हमलों को लेकर अब तैयारी की है। जानलेवा भेड़िए को पकड़ने या मारने के लिए छह शूटर, ड्रोन और बचाव दल तैनात किए गए हैं। इससे पहले जानवर को पकड़ने के लिए केवल दो शूटरों को नियुक्त किया गया था। टिहरी के प्रभागीय वन अधिकारी पुनीत तोमर ने बताया कि इस इलाके में घनी वनस्पति है।

पुनीत तोमर ने कहा कि कुछ जमीन के टुकड़े पेड़ों और वनस्पतियों से भरे हुए हैं, लेकिन कोई भी उन्हें साफ़ नहीं करता। दरअसल, वे निजी क्षेत्र में हैं और मालिक कहीं और रहते हैं। इस तरह के कई कारक और इलाके की कठिन भौगोलिक स्थिति हमारी ग्राउंड टीमों के प्रयासों को प्रभावित कर रही है।

फर्जी वीडियो से परेशानी
प्रभागीय वन अधिकारी ने आगे कहा कि 6 लाख रुपये के मुआवजे की राशि में से 2 लाख रुपये लड़की के परिवार को दिए गए हैं। बाकी की प्रक्रिया चल रही है। 30 टीम सदस्यों, तीन पिंजरों, 15 कैमरा ट्रैप और ड्रोन सहित प्रयासों के बावजूद, तेंदुआ किसी भी जाल के पास नहीं देखा गया है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर कुछ फर्जी वीडियो प्रसारित हो रहे हैं। ये हमारे प्रयासों को जटिल बना रहे हैं।

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