राजधानी देहरादून में
फर्जी प्रदूषण प्रमाण पत्र पर वाहन संचालित होने का मामला सामने आया है। परिवहन टीम ने चेकिंग के दौरान एक ऑटो के दस्तावेजों की जांच की तो उसका प्रदूषण प्रमाण पत्र फर्जी मिला। जिस जांच केंद्र पर यह प्रमाण पत्र बनाया गया था, टीम ने वहां भी पहुंच पड़ताल की तो ऑटो को जारी प्रमाण-पत्र का रजिस्टर की एंट्री से मिलान नहीं हुआ। जिस पर आरटीओ (प्रवर्तन) संदीप सैनी ने जांच केंद्र के सभी रिकार्ड कब्जे में ले लिए व उसके मालिक से स्पष्टीकरण मांगा गया है। परिवहन मुख्यालय को संबंधित प्रदूषण जांच केंद्र के संचालन संबंधी लाइसेंस पर कार्रवाई के लिए पत्र भेजा गया है।हालांकि अभी यही मामला पकड़ में आया है पर अंदाजा लगाया जा रहा है ऐसे कई वाहन सड़को पर दौड़ रहे हैं जिनका प्रमाण पत्र फर्जी हो सकता है जिसकी अब गहनता से जांच की जा सकती है।
आरटीओ सैनी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से प्रदूषण प्रमाण पत्रों की सत्यता को लेकर शिकायतें मिल रही थी। इसकी जांच के लिए बुधवार को एआरटीओ रश्मि पंत व जांच अधिकारी एमडी पपनोई की टीम को चेकिंग के निर्देश दिए गए। रायपुर रोड पर टीम ने एक ऑटो (यूके07टीए-1202) को रोककर कागजों की जांच की प्रदूषण प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। ऑटो चालक ने टीम को बताया कि उसने यह प्रमाण पत्र लाडपुर स्थित सागर मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल के प्रदूषण जांच केंद्र से बनवाया था। जिस पर टीम वहां पहुंची और उसके रजिस्टर जांचे।
जिस तारीख को प्रमाण पत्र जारी हुआ, उस तारीख को वाहन की प्रदूषण जांच केंद्र में एंट्री करने के कोई साक्ष्य नहीं मिले। जांच केंद्र संचालक भी प्रमाण पत्र पर वाहन का मिलान नहीं करा पाया। केंद्र संचालक को स्थिति स्पष्ट करने के लिए नोटिस दे दिया गया है।जल्द ही औऱ ऐसे मामलों की जानकारी सामने आ सकती है।