राज्य में रोपवे प्रोजेक्ट फाइलों से बाहर ही नहीं आ पा रहे हैं। कांग्रेस सरकार से लेकर मौजूदा सरकार में रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर तमाम घोषणाएं हुईं। ये घोषणाएं महज हवाई ही साबित हुई। कुछ प्रोजेक्ट को छोड़ कर अधिकतर प्रोजेक्ट सिर्फ फाइलों में ही बंद हैं। अधिकतर प्रोजेक्ट हवा में लटके हुए हैं। सुरकंडा देवी प्रोजेक्ट, दून मसूरी प्रोजेक्ट, पूर्णागिरी को छोड़ कर अधिकतर प्रोजेक्ट कागजों में भी नहीं चल रहे हैं। मौके पर काम के लिहाज से सुरकंडा देवी प्रोजेक्ट पर ही काम हो रहा है। इसके अलावा दून मसूरी प्रोजेक्ट की टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के साथ तमाम औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है। पूर्णागिरी प्रोजेक्ट में भी कुछ औपचारिकताएं पूरी की जानी हैं। इसके अलावा अन्य प्रोजेक्ट की रफ्तार बेहद मंद है। डीपीआर ही नहीं बनी है, तो कहीं सर्वे का काम ही पूरा नहीं हुआ है। कहीं औपचारिकताएं पूरी की जाने की शुरुआत ही नहीं हुई है।
इन क्षेत्रों में तैयार होने हैं रोप-वे प्रोजेक्ट: यमुनोत्री में जानकी चट्टी यमुनोत्री रोप वे, पंचाकोटी बौराड़ी, चोपता तुंगनाथ, दयारा बुग्याल, स्नो व्यू ने नैना पीक, चमोली में गोविंदघाट से घांघरिया व हेमकुंड साहिब तक रोप वे, मसूरी देहरादून रोप वे, रुद्रप्रयाग में रामबाड़ा केदारनाथ रोप वे, गौरीकुंड रामबाड़ा रोप वे, उत्तरकाशी में बार्सू मैठाणा बरनाला दयारा रोप वे, मसूरी कैम्पटीफाल रोप वे, श्रीनगर पौड़ी रोप वे, रानीखेत चौबटिया रोप वे, पिथौरागढ़ में मुनस्यारी खलियाटाप रोप वे, टिहरी में मुनी की रेती कुंजापुरी धाम तक रोप वे, अल्मोड़ा कसारदेवी रोप वे, अल्मोड़ा स्याई देवी से सैनार गांव, चमोली वाण से वेदनी बुग्याल,रुद्रप्रयाग में रॅरलेक से कालीशीला, चमोली में मंडल अनुसुया माता मंदिर, चमोली में चोपता तुंगनाथ, ओली गौरसों बुग्याल, टिहरी में जुराना से चंद्रबनी रोप वे, पौड़ी में हल्दूखाल से बूंगी देवी मंदिर तक, चमोली में कार्तिक स्वामी रोप वे का र्निमाण, कोरोना काल का बड़ा असर रोपवे परियोजनाओं पर पड़ा है। काम प्रभावित हुआ है। इसके साथ ही कई रोपवे के एलाइनमेंट सही नहीं हैं। उन्हें सही कराया जा रहा है। पुरानी सरकार के समय के कई विवाद है, उन्हें दूर कराया जा रहा है। सुरकंडा देवी प्रोजेक्ट जल्द पूरा होने जा रहा है। दून मसूरी पर काम शुरू होने जा रहा है।
सतपाल महाराज, पर्यटन मंत्री