देहरादून। राजनीति के अपराधीकरण पर उच्चतम न्यायालय की ओर से चिंता जताए जाने के बाद अब उत्तराखंड में सियासी दलों में भी मंथन शुरू हो गया है। भाजपा ने साफ किया है कि अब वह राज्य के चुनावों में किसी भी दागी-बागी को टिकट नहीं देगी। प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि राजनीति में शुचिता को जरूरी है कि स्वच्छ छवि और विकास की सोच रखने वाले लोगों को ही टिकट दिया जाए। पार्टी इसी लाइन पर आगे बढ़ेगी।
दागियों को टिकट देने के मामले में भाजपा भी अछूती नहीं रही है। 2017 के विस चुनाव में भाजपा के 10 प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे। पार्टी के दो विधायकों के खिलाफ भी गंभीर मामले दर्ज हैं। ऐेसे में सवाल तो अनुशासित होने का दंभ भरने वाली भाजपा पर भी उठता है कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी है जो दागियों को उसे टिकट देना पड़ा। अब उच्चतम न्यायालय की ओर से चिंता जताए जाने के बाद प्रदेश भाजपा भी मंथन में जुट गई है।
प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि राजनीतिक शुचिता के लिए उच्चतम न्यायालय का आदेश सराहनीय है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आगामी किसी भी चुनाव में दागी-बागी को पार्टी टिकट नहीं देगी। उन्होंने कहा कि वह हमेशा से चाहते हैं कि सियासत में साफ-सुथरी छवि और विकास की सोच रखने वाले लोगों को ही आगे लाया जाना चाहिए। स्वच्छ छवि के लोग सियासत करेंगे तो सियासत भी खुद-ब-खुद स्वच्छ हो जाएगी।