भाजपा की 59 और कांग्रेस की 64 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा के बाद अब दोनों ही दलों में बगावत और असंतोष की आग भड़कने लगी है। भाजपा में टिकट कटने से नाराज अल्मोड़ा, कर्णप्रयाग, द्वाराहाट व थराली के विधायकों ने बागी तेवर दिखाए हैं और वे निर्दलीय चुनाव लड़ने के संकेत दे रहे हैं।
उनके बगावती तेवरों से भाजपा की पेशानी पर बल पड़ गए हैं। भाजपा को 59 में से 26 विधानसभा सीटों पर टिकट के दावेदारों और उनके समर्थकों के असंतोष और नाराजगी की सामना करना पड़ रहा है। यही हाल कांग्रेस का है, जहां 64 में से 24 विधानसभा सीटों पर असंतोष और बगावत के आसार दिखाई दे रहे हैं।
विधानसभा के उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान अल्मोड़ा सीट से टिकट काटे जाने से बेहद नाराज हैं और उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि वह अब तक नहीं समझ पाए हैं कि आखिर उनका टिकट क्यों काटा गया। उधर, थराली विस सीट पर विधायक मुन्नी देवी और कर्णप्रयाग के विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी ने बड़ा कदम उठाने के संकेत दिए हैं। द्वारहाट के विधायक महेश नेगी टिकट काटे जाने के पीछे साजिश करार दे रहे हैं। कैंट सीट पर परिवारवाद के खिलाफ टिकट के तकरीबन सभी दावेदार मिलकर प्रदेश संगठन महामंत्री से मिले और उन्होंने टिकट पर पुनर्विचार की मांग उठाई।
पूर्व कैबिनेट मंत्री व कांग्रेस नेता हरिश्चंद्र दुर्गापाल भी टिकट काटे जाने से नाराज हैं। सोशल मीडिया पर उनके पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ने की खबरें तैर रही हैं। रामनगर विस सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे रंजीत रावत भी टिकट काटे जाने से नाराज बताए जा रहे हैं। उन्हें लेकर भी चर्चा है कि वह निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। इसी तरह अन्य विधानसभा सीटों पर असंतोष की खबरों ने कांग्रेस को चिंता में डाल दिया है। ऋषिकेश में टिकट कटने से पूर्व प्रत्याशी राजपाल खरोला और पूर्व कैबिनेट मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण ने मिलकर जयेंद्र रमोला को प्रत्याशी बनाए जाने का विरोध किया है।