बगेश्वरः उत्तराखंड में बारिश शुरू होते ही भूस्खलन भी शुरू हो गया है। आज कुमाऊं के कई जिलों में पहाड़ी से मलबा आने से हादसे व आवागमन में परेशानी हुई। बागेश्वर के कपकोट मोटर मार्ग पर हरसिला के पास भारी मात्रा में मलबा आ गया।
भूस्खलन की चपेट में आने से दो बाइक सवार बाल-बाल बचे। उन्होंने बाइक छोड़कर अपनी जान बचाई। दो सड़कों पर भारी मात्रा में मलबा आने से वह आवागमन के लिए बंद हो गई हैं। वहीं, सोमवार की सुबह तक कपकोठ में जमकर बारिश हुई। अन्य स्थानों पर आसमान में बादल छाए रहे। बारिश होने की संभावना है।
जिले के कपकोट में बीते रविवार की रात से सोमवार सुबह तक 63 एमएम बारिश हुई। जिसके कारण सड़कों पर कहर बरपा। हरसिला के समीम फिर भूस्खलन होने से भारी मात्रा में मलबा, बोल्डर आदि सड़क पर गिर गए। दो बाइक सवार घटना में बाल बाल बच गए। उन्हें बाइक छोड़कर भागना पड़ा।
स्थानीय निवासी शेखर ने बताया कि भूस्खलन लगातार हो रहा है। जिसके कारण स्थानीय लोग भी भयभीत होने लगे हैं। हरसिला के समीप दो बाइक मलबक में दबी हैं। बाइक सवार वहां नहीं है। सुबह घंटों सड़क बंद रही। वहीं, उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भी लगातार बारिश के कारण जन जीवन पर असर पड़ने लगा है। कुंवारी गांव में फिर से भूस्खलन हो रहा है। जिसके कारण ग्रामीण भयभीत हो गए हैं।
शहर में गंदे पानी की आपूर्ति
सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से पेयजल किल्लत भी शुरू हो गई है। काठयतबाड़ा पंपिंग योजना से सुबह नगर क्षेत्र के अधिकतर घरों में गंदे पानी की सप्लाई हुई। जिसके कारण उपभोक्ताओं में आक्रोश है। कठायतबाड़ा निवासी गीता देवी, चंपा देवी, आनंदी देवी, शिव दत्त पांडे आदि ने कहा कि गंदे पानी की सप्लाई होने से टंकियों में भी गंदगी भर गई है।
कीड़े भी पानी में आ रहे हैं। पानी पीने और नहाने योग्य नहीं है। जलसंस्थान को वह भारी भरकम बिल देते हैं। यदि प्रदूषित पानी पीने से लोग बीमार हुए तो जलसंस्थान इसके लिए जिम्मेदार रहेगा।
ये सड़कें मलबा आने से बंद
भानी-हरसिंगयाबगड किमी एक में मलबा आने से बंद, हरसिला पुड़कुनी मोटर मार्ग किमी दस और 11 में मलबा आने से पटा।