बगैर ऑनलाइन पंजीकरण के भारतीयों के नेपाल प्रवेश पर रोक

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देहरादून। नेपाल प्रशासन ने बगैर ऑनलाइन पंजीकरण के भारतीय नागरिकों के नेपाल प्रवेश पर रोक लगा दी है। भारत में कोरोना संक्रमण के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए नेपाल प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। रोक लगने के बाद सोमवार को चंपावत से बाबा सिद्धनाथ के दर्शन को जा रहे पूर्णागिरि श्रद्धालुओं को नेपाल एपीएफ और पुलिस ने सीमा से लौटा दिया। जिससे श्रद्धालुओं को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। 

नेपाल सीमा पार के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गत शनिवार को नेपाल के कंचनपुर जिलाधिकारी राम कुमार महतो की अध्यक्षता में हुई वहां की कोविड समिति की बैठक में बगैर ऑनलाइन पंजीकरण के भारतीयों के नेपाल में प्रवेश पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया।

बताया गया कि ऐसा भारत में कोरोना संक्रमण की तेज होती रफ्तार को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। बनबसा सीमा के साथ ही अब टनकपुर सीमा से बाबा सिद्धनाथ के दर्शन को जाने वाले पूर्णागिरि श्रद्धालुओं को भी ऑनलाइन पंजीकरण के बगैर नेपाल में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।

दोनों देशों ने बैठक में लिया था एक साथ कोरोना से लड़ने का फैसला
भारत-नेपाल के अधिकारियों ने कोरोना महामारी से बचाव के साथ ही सीमा की समस्याओं के समाधान के लिए हाल ही में बैठक की थी। इस दौरान निर्णय लिया गया था कि दोनों देश एक साथ मिलकर कोरोना महामारी से लड़ेंगे।

इस दौरान नेपाल से भारत आने वालों की थर्मल स्क्रीनिंग करने और  नेपाल जाने के लिए पंजीकरण फॉर्म को सरल करने संबंधी प्रस्ताव पर भी सहमति बनी थी। साथ ही मादक पदार्थों, मानव और वन तस्करी पर रोक लगाने के लिए भी दोनों देशों के अधिकारियों में सहमति बनी थी। नेपाल कस्टम अधिकारियों ने दोनों देशों के हितों को देखते हुए साइकिलों पर कैरियरों द्वारा बनबसा से नेपाल सामान जाने पर रोक लगाने की बात कही थी।

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