बदरीनाथ धाम के दर्शन के लिए अड़े साधु-संत, पांच दिन से कर रहे आमरण अनशन

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गोपेश्वर। बदरीनाथ धाम के दर्शन की मांग पर अड़े दो साधु पिछले पांच दिनों से धाम में अपने-अपने आश्रम में आमरण अनशन कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को चिकित्सकों की टीम के साथ एसडीएम जोशीमठ कुमकुम जोशी ने साधुओं से वार्ता की, लेकिन साधु भगवान बदरीनाथ के दर्शनों के बाद ही भोजन ग्रहण करने की मांग पर अड़े रहे। एसडीएम ने बताया कि साधुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और उनका ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर सामान्य है।

बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर धाम में कई सालों से रह रहे मोनी बाबा और भगवता दास के साथ ही करीब 15 साधु-संत धाम पहुंच गए थे, लेकिन कोरोना गाइडलाइन के चलते किसी को भी बदरीनाथ धाम के दर्शनों की अनुमति नहीं मिल पाई। मोनी बाबा का कहना है कि वे पिछले 30 सालों से बदरीनाथ धाम में रहते हैं। गुरु परंपरा का निर्वहन करते हुए वे छह माह तक भगवान बदरीनाथ के दर्शन करने के बाद ही अन्न ग्रहण करते हैं, लेकिन इस बार धाम के दर्शन की अनुमति नहीं मिली है।

23 मई से कर रहे आमरण अनशन
देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों से दूर से ही बदरीनाथ जी के दर्शन कराने का आग्रह किया गया, लेकिन साधु-संतों की सुनी नहीं जा रही है, जिससे क्षुब्ध होकर 23 मई से उन्होंने और भगवता दास साधुओं की ओर से अपने-अपने आश्रम में आमरण अनशन किया जा रहा है।

बृहस्पतिवार को एसडीएम कुमकुम जोशी ने साधुओं से वार्ता की, लेकिन वे बदरीनाथ के दर्शनों की मांग पर अड़े रहे। एसडीएम कुमकुम जोशी ने बताया कि साधुओं का चिकित्सकों की ओर से स्वास्थ्य परीक्षण करवाया गया। उनका स्वास्थ्य सामान्य है। 

अभी एसओपी के चलते देवस्थानम बोर्ड व हक-हकूकधारियों के अलावा किसी को भी बदरीनाथ धाम में जाने की अनुमति नहीं है। सभी साधु-संत मैदानी क्षेत्र से धाम में पहुंचे हैं, फिलहाल स्थानीय प्रशासन से साधुओं से वार्ता करने के लिए कहा गया है, उन्हें 14 दिन के क्वारंटीन में रहना जरूरी होगा, यदि जरूरी होगा तो बोर्ड से विशेष अनुमति ली जाएगी। यदि अनुमति मिल जाएगी तो क्वारंटीन के बाद साधुओं का आरटीपीसीआर टेस्ट किया जाएगा। कोरोना रिपोर्ट निगेटिव मिलने के बाद ही आगे कुछ निर्णय लिया जाएगा।
– रविनाथ रमन, सीईओ, देवस्थानम बोर्ड, उत्तराखंड

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