देहरादून। दिव्यांगजनों के उत्थान के लिए दिव्यांग पुनर्वास केंद्र विशेष प्रयास कर रहा है। समाज कल्याण विभाग और जिला ग्रामोद्योग विभाग की मदद से इन्हें आर्टिफिशियल ज्वेलरी यानी कृतिम आभूषण बनाने सिखाए जाएंगे। ग्रामोद्योग इन आभूषणों को बाजार भी मुहैया करवाया। दिव्यंजनों को स्वरोजगार से जोड़ने की दृष्टि से यह शुरू की गई इस पहल में काफी संभावनाएं देखी जा रही हैं।
जिला ग्रामोद्योग अधिकारी डॉ. अलका पांडे ने बताया कि दिव्यांग पुनर्वास केंद्र की यह पहल दिव्यंजनों के सशक्तीकरण के लिहाज से एक मजबूत कदम है। जिलेभर में दिव्यंजनों को इससे जुड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। ग्रामोद्योग प्रदेशभर में अपने आउटलेट पर दिव्यंजनों द्वारा बनाई गए आभूषणों को रखेगा। इसके साथ ही ऑनलाइन और अन्य माध्यमों से भी इनका प्रचार किया जाएगा।
क्या सोचते हैं लाभार्थी
दिव्यांग महेंद्र सिंह पवार ने कहा कि जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र की ओर से दिव्यंजनों के लिए चलाई जा रही यह योजना एक अच्छी पहल है। प्रवीण कालरा ने कहा कि वर्तमान समय में अपने पैरों पर खड़ा होना जरूरी है। पुनर्वास केंद्र और ग्रामोद्योग की मदद से अब दिव्यांग भी रोजगार से जुड़ सकेंगे।
शिविर के माध्यम से दिया प्रशिक्षण
संयुक्त प्रयासों से दिव्यांग जनों के लिए एक शिविर सनातन धर्म कन्या इंटर कालेज में पहला शिविर आयोजित किया गया। शिविर में अस्थि दिव्यांग, श्रवण बाधित दिव्यांग एवं अन्य दिव्यांग जनों को स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। शिविर में उन्हें आर्टिफिशियल ज्वेलरी बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। जिला ग्रामोद्योग अधिकारी डॉ. अलका पांडे ने दिव्यांग जनों को सशक्त बनाने के लिए चल रही योजनाओं की जानकारी दी, जबकि लीड बैंक की अधिकारी मीनाक्षी नेगी ने बैंक से संबंधित लोन प्राप्त करने के लिए जानकारी दी।
देहरादून पुनर्वास अधिकारी अनंत प्रकाश मेहरा ने दिव्यांग जनों को सभी प्रशिक्षणप्राप्त कर अपनी स्वेच्छा से स्वरोजगार में आगे बढ़ने को आह्वान किया। उन्होंने बताया जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र प्रत्येक दिव्यांगजन को सशक्त बनाने का पूर्ण प्रयास कर रहा है, जिसमें जिला समाज कल्याण अधिकारी हेमलता पांडे अपना अहम रोल अदा कर रही हैं।